मुर्गी के अंडे और बिल्ली |Hindi story for children

मुर्गी के अंडे और बिल्ली |Hindi story for children

मुर्गी के अंडे और बिल्ली |एक बार एक मुर्गी ने बारह अंडे दिए थे | वह रोज़ अपने लिए दाना खोजने जाती थी | एक दिन जब वह दाना खोज कर वापस आयी, तो वहां पर केवल दस अंडे ही बचे थे | उसने हर जगह अपने खोये हुए अंडो को ढूँढा, लेकिन उसके अंडे नहीं मिले | वह दोबारा अपने अंडो को गिनने लगी |लेकिन उसने देखा दो अंडे कम ही थे | मुर्गी बहुत उदास हो गई |

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वह मुर्गे को बताने के लिए बाड़े से बाहर गई | मुर्गा सुनकर बहुत उदास हो गया | मुर्गा और मुर्गी दोनों यह नही जानते थे कि उनके अंडे एक बिल्ली ने चुराए थे | उनके बाड़े के कोने में एक बिल्ली रहती थी, जो उनके अंडो के इंतज़ार में छिप कर बैठी रहती थी | अगले दिन जैसे ही मुर्गी दाने की तलाश में बाहर गई, वैसे ही बिल्ली बाहर आयी और एक अंडा चुरा कर फिर से कोने में छिप गई | बिल्ली को मुर्गी से सावधान रहना पड़ता था | वह मुर्गी के जाने पर चुप चाप अंडा चुरा कर खा लेती, और मुर्गी के आने से पहले ही अपनी जगह पर आकर छुप जाती |

मुर्गी ने वापस आ कर देखा, तो फिर से अंडे गिनती में कम निकले | अब मुर्गी को चिंता होने लगी कि उसके अंडे आखिर जा कहाँ रहे हैं? उसने मुर्गे से पूछा, कि हमारे अंडे कहाँ गायब हो रहे हैं? मुर्गा बहुत आलसी था | उसने मुर्गी की बात पर कोई ध्यान नही दिया और बहाना बनाकर वसेहां चला गया | मुर्गी ने खोजबीन करना शुरू किया कि उसके अंडे कौन चुराता है |

मुर्गी के अंडे और बिल्ली

कुछ दिनों बाद उसे पता चला कि उसके बाड़े के भीतर एक बिल्ली है जो रोज़ उसके अंडे चुरा लेती है | अगली सुबह मुर्गी जान बूझकर दाना चुगने बाहर चली गई | मौका पाते ही बिल्ली अंदर आ गई | वह और अंडे खाना चाहती थी | उसने जैसे ही अंडा उठाया और खाने की कोशिश की, वह अंडा उसके गले में फंस गया | दरअसल मुर्गी ने अंडे की जगह संगमरमर का टुकड़ा वहां रख दिया था |

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बिल्ली ने संगमरमर के टुकड़े को अंडा समझ कर निगल लिया था | बिल्ली का गला दुखने लगा उसने फ़ौरन वह टुकड़ा अपने मुँह से बाहर थूक दिया | बिल्ली घबरा गई और वह अपनी जान बचा कर वहां से भाग गई और फिर कभी वापस नहीं आई |अब मुर्गी और उसके बचे हुए अंडे सुरक्षित थे | मुर्गी ने अपनी सूझ बूझ से अपने अंडो को बचा लिया था |

आलसी लोमड़ी |

आलसी लोमड़ी गर्मियों का मौसम चल रहा था |बारिश ना होने की वजह से जंगल के सारे नदी तालाब सूख गए थे, इसलिए सभी | जानवर परेशान थे | प्यास के कारण उनकी हालत ख़राब हो रही थी | वे सभी जानवर पानी कि तलाश में निकल पड़े | काफ़ी ढूंढ़ने के बाद उन्हें एक नदी मिली | लेकिन वह नदी इतनी ज़्यादा बड़ी नहीं थीं कि उसमे से सारे जानवर पानी पी सकें | इसलिए सभी जानवरो ने फैसला किया कि वे सभी मिलकर उस नदी को ओर गहरा खोदेगें ताकि उसे बड़ा किया जा सकें और सभी जानवर उस नदी से पानी पी सकें |

आलसी लोमड़ी | लोमड़ी की कहानी

सभी जानवर एक साथ नदी खोदने के लिए तैयार थे, लेकिन एक लोमड़ी थी जो बड़ी आलसी थी | उसने नदी खोदने के लिए साफ मना कर दिया था | उसके मना करने पर सभी जानवरो ने कहा कि लोमड़ी को नदी से पानी नहीं पीने दिया जाएगा,क्योंकि उसने नदी खुदवाने से मना कर दिया है |फिर नदी की रखवाली के लिए कुछ जानवर लगा दिए गए, ताकि वे लोमड़ी को वहां आने से रोक सकें | काम करने के बाद सभी जानवर अपने घरों को चले गए | एक खरगोश को नदी की रखवाली के लिए छोड़ दिया गया था |

लोमड़ी सभी जानवरों के जाने के इंतज़ार में थी |जैसे ही सभी जानवर वहां से गए, वह नदी के पास पहुँच गयी | उसने खरगोश को “हाय “बोला और अपनी जेब से शहद के छत्ते का एक टुकड़ा निकल लिया |फिर वह बड़े मज़े से शहद खाने लगा |उसको शहद खाता देख खरगोश के मुँह में पानी आ गया |लोमड़ी बोली,”यह शहद तो पानी पीने से कहीं बेहतर है |अगर इसे खा लो, तो प्यास ही नही लगती |”यह सुनकर खरगोश लोमड़ी के पास जाकर बोलता है,”क्या मैं भी यह शहद खा सकता हूँ, जिसे खाकर प्यास ही नही लगती है?” लोमड़ी बोली, “हाँ -हाँ! क्यों नहीं, तुम भी खाओ |”यह कहकर लोमड़ी ने खरगोश को शहद के छत्ते का टुकड़ा चखाया |खरगोश को शहद का स्वाद बहुत अच्छा लगा |इसके बाद खरगोश उससे और शहद मांगने लगा |

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बच्चो के लिए हिन्दी कहानी

लोमड़ी बोली,”तुम अपने पंजे पीछे की ओर बाँध कर ज़मीन पर लेट जाओ | मैं शहद को तुम्हारे मुँह में टपका दूंगा |” खरगोश शहद खाना चाहता था, इसलिए उसने ऐसा ही किया | जैसे ही खरगोश नीचे लेटा, लोमड़ी उसी समय नदी के पास गयी और भरपेट पानी पी कर भाग गया |जब दूसरे जानवर वहां आये, तो उन्होंने देखा कि खरगोश ज़मीन पर लेटा हुआ है और उसके पंजे पीछे की ओर बंधे हैँ | उसकी हालत देख कर सब चौंक गए |उसने सबको बताया कि लोमड़ी कैसे उसे बेवक़ूफ़ बना कर पानी पी कर भाग गया |

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यह सुनकर जानवरों को गुस्सा आ गया | उन्होंने खरगोश को खूब डांटा, “तुम उस चालाक लोमड़ी की बातो में कैसे आ गए?” वह शहद का लालच देकर तुम्हे बेवक़ूफ़ बना गई | “अब से तुम रखवाली नहीं करोगे, ये काम हम किसी और जानवरों को देंगे |” इसके बाद रखवाली का काम एक बन्दर को सौंपा गया |लोमड़ी में उसे भी अपनी बातो में फंसा लिया, और फिर से पानी पी कर भाग गया |जब जानवर  वापस आये,तो उन्हें पता चला कि लोमड़ी दूसरी बार भी नदी से पानी पी कर भाग गई और बन्दर को बेवकूफ बना दिया, तो उन्होंने रखवाली का काम एम कछुए को दिया |

रखवाली के लिए चुना गया कछुआ

जब लोमड़ी नदी के पास आयी, तो उसने देखा कि आज रखवाली के लिए कछुआ बैठा हुआ था | लोमड़ी कछुए को इधर उधर की बाते सुनाने लगा |कछुए को बातें सुनने में मज़ा आ रहा था |लोमड़ी जानती थी कि कछुए को कहानी सुनते सुनते सोने की आदत है |इसलिए वह उसे कहानी सुनाने लगा |कछुआ कहानी सुनने में मगन हो गया और थोड़ी ही देर में सो गया |जैसे ही कछुआ सोया, लोमड़ी नदी की ओर पानी पीने के लिए भागी | जैसे ही वह भागी, कछुए ने लोमड़ी की टांग अपने मुँह में दबा ली |

दरअसल कछुआ सोया नहीं था वह सोने का नाटक कर रहा था | तभी सारे जानवर वहां आ गए |सबने मिलकर लोमड़ी कि खूब पिटाई की | लेकिन बाद में एक दयालु मैना के कहने पर लोमड़ी को माफ़ कर दिया गया |लोमड़ी ने सभी से माफ़ी मांगी और मेहनत करने की कसम खायी |अब वह आलसी नहीं रह गई थी |

भेडिये की चालाकी | हिन्दी कहानी

भेडिये की चालाकी | हिन्दी कहानी | एक बार की बात है | एक भेड़िये ने अपने बच्चों से कहा कि वह उनके लिए खाने के लिए लेने जा रहा है |वह खाने कि तलाश में जंगल में चलता रहा, फिर एक ऐसी जगह पहुंचा, जहाँ ऊँचाई पर एक पेड़ पर एक बाज़ बैठा था |बाज़ अपने अंडो की देखभाल कर रहा था |भेड़िये ने सोचा इस बाज़ के अंडे में अपने बच्चों के लिए ले जाऊंगा |बाज़ का घोंसला बहुत ऊंचाई पर था ओर घोंसले तक जाने का कोई रास्ता नहीं था |

तब उसे एक तरकीब सूजी |उसने थोड़ी सी घास तोड़ी ओर उसे अपने कानो पर लगा लिया |ऐसा करके वह भेड़िये की जगह एक अजीब सा जानवर लग रहा था |फिर उसने पेड़ को ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू किया ओर बोला, “ओ बाज़! मुझे अपने कुछ अंडे दे दो, नहीं तो में तुम्हे पेड़ से नीचे गिरा दूंगा |”यह सुनकर बाज़ बहुत डर गया |उसने सोचा कि कहीं मेरे सारे अंडे भेड़िये के पेड़ हिलाने की वजह से नीचे ना गिर जाएं |उसने सोचा सारे अंडे नीचे गिर जाएं, इससे अच्छा है कि मैं एक अंडा इस भेड़िये को दे दू |उसने तुरंत एक अंडा भेड़िये की ओर फेंक दिया |

भेडिये की चालाकी | हिन्दी कहानी

एक अंडा मिलने के बाद भेड़िया ने कहा एक ओर अंडा दो, तो बाज़ को गुस्सा आ गया, वह बोला,” नहीं, मैं और अंडे नहीं दूंगा |”भेड़िये ने बाज़ को धमकाया,” ठीक है,अगर तुमने दूसरा अंडा नहीं दिया तो मैं मेरे सिर पर लगे इन गुच्छो से इस पेड़ को गिरा देता हूँ |अब तुम्हारे सारे अंडे टूट जायेंगे |बेचारे बाज़ ने घबराकर एक और अंडा नीचे फेंक दिया |भेड़िया हंस कर बोला, “बेवक़ूफ़ बाज़! तुम्हे सचमुच ऐसा लगा कि मैं अपने सिर पर लगी इस घास से इतने बड़े पेड़ को गिरा सकता हूँ?” यह सुनकर बाज़ को बहुत गुस्सा आया, क्योंकि भेड़िये ने उसे अपनी बातो में उलझा कर दो अंडे ले लिए थे |

वह गुस्से में पेड़ से उतरा और भेड़िये को अपने मज़बूत पंजो से उठा लिया |फिर वह उसे समुन्दर की ओर ले गया ओर एक किनारे पर भेड़िये को पटक दिया और खुद वापस अपने पेड़ पर आकर बैठ गया |भेड़िये ने अपने आस पास देखा |चारो ओर देखने के बाद उसे पता चला कि उसके आस पास कोई भी नहीं है |चारो ओर सन्नाटा है |भेड़िये ने सोचा,’अगर मैने जल्दी ही कुछ नही किया, तो मैं यहीं पर भूखा प्यासा मर जाऊंगा |’ उसने जल्दी ही एक उपाय निकाला |

भेडिये की चालाकी | हिन्दी कहानी

वह ज़ोर ज़ोर से गाने गाने लगा जो उसने जंगल में जानवरो से सुने थे |उसका गीत सुनकर समुन्दर के सभी जीव जंतु बाहर आ गए | वे सभी बोले, “तुम क्या गा रहे हो?”भेड़िया बोला,”मैं इस गाने का मतलब भी समझा दूंगा, पर पहले यह बताओ कि क्या समुन्दर में और भी जीव जंतु हैं?” वे सब बोले, “अरे, समुन्दर में तो बहुत सारे जीव जंतु हैं |” भेड़िया बोला, मैं गलती से यहाँ आ गया हूँ | जंगल में मेरे बच्चे अकेले हैं |उनको भूख प्यास भी लग रही होगी |क्या तुम सब मझे जंगल पहुँचा सकते हो? तुम सभी एक कतार में खड़े हो जाना, और एक बेडा सा बना देना,मैं तुम्हारे ऊपर चढ़ कर जंगल तक चला जाऊंगा |

वे जीव जंतु बड़े दयालु थे |उन्होंने पूछा, “क्या तुमने कुछ खाया है?” भेड़िया बोला, “नहीं, मुझे बहुत भूख लगी है |”भूख के मारेे मेरी जान निकल रही है | लेकिन भूख सहन करनी पड़ेगी, क्योंकि मेरे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है | ” भेड़िये ने बात बनाई | समुन्दर के जानवर बड़े दयालु थे उन्होंने पहले भेड़िये के गाने सुने,फिर वे उसके लिए कुछ मछलियां एक कपडे में बाँध कर ले आये और भेड़िये को दे दिया |उन्होंने उसके बच्चों के लिए भी मछलियां बाँध दी |

फिर वे सब एक साथ एक कतार में लेट गए और एक पुल सा बना दिया |भेड़िया उन सब पर एक एक करके पैर रखता गया और समुन्दर के दूसरे किनारे तक पहुँच गया |किनारे पर पहुँच कर उसने सभी को शुक्रिया कहा और ालने बच्चों के लिए खाना ले कर जंगल में चला  गया |जंगल पहुंच कर उसने और उसके बच्चों ने मज़े से वो मछलियां खायी जो समुन्दर के जीवो ने उसे दी थीं |

समझदार मिक्की चूहा | चूहे की कहानी

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समझदार मिक्की चूहा | चूहे की कहानी | एक जगह बहुत सारे चूहें मिक्की, मिनी, मिंकू, पिंकू आदि रहते थे | चूहें आपस मे प्यार से रहते थे | अपना खाना आपस में मिल बाँट कर खाते थे | कुछ दिन से एक बिल्ली उन चूहों को खाने के चक्कर मे घूम रही थी |लेकिन चूहें बहुत चालाक थे | वे हमेशा अपने साथी चूहों मे से किसी एक को पहरा देने के लिए खड़ा रखते थे ताकि जब भी बिल्ली आये तो उन सब को पता चल जाये और वे बिल मे घुसकर अपनी जान बचा सकें | इसलिए कई दिन बीत गए लेकिन बिल्ली उन में से एक भी चूहेे को नहीं खा पायी |

एक दिन मिक्की चूहें का जन्मदिन था |सारे चूहों ने मिक्की को जन्मदिन कि बधाई दी |सबने मिलकर योजना बनायीं कि मिक्की के जन्मदिन पर मिक्की को पार्टी देंगे |शाम होते ही सभी चूहें पार्टी के लिए तैयार हो गए |मिक्की ने बहुत सुन्दर कपडे पहने थे और बाकी सब ने भी सुन्दर सुन्दर कपडे पहने हुए थे |सभी चूहें मिक्की के लिए गिफ्ट लेकर आये थे सभी ने मिक्की को गिफ्ट दिए और फिर मिक्की ने केक काटा | सब मज़े से पार्टी का मज़ाे रहे थे | सब डांस करने लगे और किसी का ध्यान बिल्ली के आने ओर नहीं रहा और ना ही कोई पहरा देने के लिए खड़ा हुआ |अचानक वहां पर बिल्ली आ पहुंची |

समझदार मिक्की चूहा | चूहे की कहानी |

सभी चूहें डरकर बिल में घुस गए |बस मिक्की बाहर रह गया |मिक्की को पहले तो डर लगा लेकिन उसने सोचा कि डर कर मरने से अच्छा है बहादुरी से काम लिया जाए |वह बिल्ली से बोला,” बिल्ली मासी केक खाओगी?” बिल्ली ज़ोर से हंसती है और बोलती है, “मेरे सामने इतना स्वादिष्ट चूहा है तो मैं केक क्यों खाऊ?”बहुत दिनों बाद हाथ लगे हो आज तो मज़ा आ गया,अब मैं मज़े से तुम्हे खाउंगी | चूहा बोला,”इतनी भी क्या जल्दी है मौसी?” पहले केक तो खाओ और  आज मेरा जन्मदिन है इसलिए मै आपको फूलो की माला भी पहनाऊंगा |

बिल्ली की कहानी |Hindi story for kids | पढने के लिए क्लिक करें

बिल्ली बोली, चलो ठीक है |वैसे भी अब तो मै तुम्हे खा जाउंगी तो तुम्हारी आखिरी इच्छा भी पूरी कर देती हूँ | यह कहकर बिल्ली एक पंजा मारती है और केक उठा कर खा जाती है |मिक्की ने कहा अब मै आपके गले में फूलो कि माला पहनाऊंगा |यह कहकर मिक्की ने सूझबूझ दिखाकर फूलो कि माला मै एक घंटी भी बांध दी जो उसे मिंकू ने गिफ्ट में दी थी | वो घंटी वाली फूलो कि माला मिक्की ने बिल्ली के गले में पहना दी | बिल्ली ने जैसे ही माला पहनने के लिए अपना सर झुकाया, मिक्की ने झट से माला पहनाई और तेज़ी से दौड़कर बिल में घुस गया |

(चूहे ने केसे अपनी और सबकी जान बचायी )

बाकी चूहों ने जब मिक्की से पूछा की उसने बिल्ली से अपनी जान कैसे बचायी तब उसने बताया कि कैसे उसने अपनी सूझ बूझ से ना केवल अपनी जान बचायी बल्कि आगे के लिए भी बिल्ली से बचने का इंतज़ाम कर दिया |दरअसल मिक्की ने बिल्ली के गले में घंटी इसलिए बंदी थी ताकि जब भी वह उनके आस पास आये तो चूहें सावधान हो सके | अब किसी को बिल्ली से बचने के लिए पहरा देने कि भी ज़रूरत नहीं थी | मिक्की की समझदारी के लिए सभी चूहों ने उसके लिए ताली बजायी और उसकी  बुद्धि की खूब तारीफ की | अब चूहों को बिल्ली से कोई डर नहीं था जब भी बिल्ली उनको पकड़ने के लिए आती, चूहें घंटी कि आवाज़ सुनकर चोकन्ने हो जाते |अब वे सब मज़े से रहते थे |

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भालू ने केसे सभी जानवरों को हंसाया |

एक जंगल में बहुत सारे जानवर हाथी, बन्दर, खरगोश, हिरन, भालू, शेर, बारह सिंघा, चीता आदि बहुत सारे जानवर हंसी ख़ुशी रहते थे | सभी जानवर एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे |उस जंगल का राजा शेर था |सभी लोग शेर की बात मानते थे |एक बार की बात है जंगल में कुछ शिकारी शिकार करने के लिए आये |शिकारियो ने दो बन्दर और तीन खरगोश का शिकार किया और उन्हें मारकर अपने साथ ले गए | इस घटना से सारे जानवर घबरा गए |उस दिन से सारे जानवर डर गए और उदास रहने लगे |

उनको यह डर लगने लगा की कहीं शिकारी उन सब को भी ना मार कर अपने साथ ले जाये |इस बात को लेकर वे सब इतने उदास रहने लगे की मुस्कुराना ही भूल गए |कई दिन बीत गए लेकिन हिरन, बन्दर, बारह सिंघा आदि जानवरो के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं आयी |सभी जानवरो को उदास देख जंगल का राजा शेर चिंतित रहने लगा |वह सभी जानवरो से बहुत प्यार करता था और उन सभी को खुश देखना चाहता था |

भालू ने केसे सभी जानवरों को हंसाया |

शेर ने सभी जानवरो को बहुत सारे चुटकुले सुनाये, उन्हें हर तरह से हंसाने की कोशिश की लेकिन जानवर इतने डरे हुए थे की कोई भी नहीं हंसा |शेर उन सब को हंसाने की रोज़ कोशिश करता लेकिन कोई फायदा ना होता |एक दिन शेर को पता चला कि पास वाले दूसरे जंगल में एक भालू रहता है, और वह भालू जंगल के जानवरो को हंसाने में उसकी मदद कर सकता है |शेर उस भालू से मिलने के लिए दूसरे जंगल में जाता है और भालू से मिलकर उसे सारी बात बताता है कि कैसे उसके जंगल के सभी जानवर उदास रहते हैँ |

भालू की कहानी

भालू ने शेर कि सारी बात सुनी और कहा, आप फ़िक्र ना करें शेर महाराज! मैं कल आपके जंगल आकर आपके जंगल के सभी जानवरो को हंसाउँगा |यह सुनकर शेर पूछता है, लेकिन कैसे? भालू कहता है, वो आप मुझ पर छोड़ दीजिये, अब सभी जानवरो को हँसाना मेरा काम है |शेर भालू की बात मानकर वहां से चला जाता है |अगले दिन भालू एक बोतल लेकर जंगल में जाता है |जंगल में जाकर वह देखता है कि सभी जानवर बहुत उदास और डरे हुए हैं |

जैसे ही वह बोतल का ढक्कन खोलता है, अचानक से सभी जानवर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते हैं |हँसते हँसते सभी जानवर लोट पोट हो जाते हैं |बहुत देर तक सभी जानवर हँसते रहते हैं |शेर भी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता है |जब सभी का हँसते हँसते पेट दुखने लगता है तो शेर भालू से कहता है कि हमारे पेट में हँसते हँसते दर्द हो गया है |इस बोतल में ऐसा क्या था? भालू ने बोतल का ढक्कन बंद किया ढक्कन के बंद होते ही सभी कि हसीं थोड़ी कम हो गयी लेकिन अब सभी जानवर उदास नहीं थे |अब वे सब खुश थे |

शेर ने भालू से पूछा कि तुमने कैसे सब को हंसाया? भालू ने बताया शेर महाराज! मैं एक वैज्ञानिक हूं |और इस बोतल मे नितरस ऑक्साइड गैस थी जिसे लाफिंग गैस यानि हंसाने वाली गैस भी कहते हैं |इसी गैस से आप सभी को इतनी ज़्यादा हंसी आयी |आप के मित्रो को हँसाने के लिए मैंने इसी गैस का इस्तेमाल किया |भालू कि बात सुनकर शेर ने भालू को धन्यवाद कहा और उसे इनाम भी दिया |इस तरह बुद्धिमान भालू ने सभी जानवरो को हंसा दिया |

हिन्दी कहानियां | Hindi story For Kids |

कबूतर ने केसे होशियारी से लोमड़ी से जान बचायी |

कबूतर ने केसे होशियारी से लोमड़ी से जान बचायी

एक कबूतर मस्ती से अपने लिए दाना तलाश कर रहा था |दाना ढूंढते ढूंढते वह थक गया और बैठ कर आराम करने लगा |तभी उसे एक लोमड़ी के आने की आहट हुई |वह एकदम उड़ कर पेड़ की डाली पर बैठ गया |अब लोमड़ी उसे कोई नुक्सान नहीं पहुंचा सकती थी |लोमड़ी  अपने शिकार कबूतर को देख कर मुस्कुराई और बोली, कबूतर भाई! मेरे पास तुम्हारे लिए एक अच्छी खबर है |पेड़ से नीचे उतरो मैं तुम्हे वो अच्छी खबर सुनाता हूँ |

कबूतर जानता था कि वह लोमड़ी उसका शिकार करके उसको खाना चाहती है |वह लोमड़ी से बोला, मैं जानता हूँ तुम मीठी मीठी बाते करके मुझे अपना शिकार बनाना चाहते हो |जैसे ही मै पेड़ से नीचे आऊंगा तुम मुझे पकड़ कर कहा जाओगे |मुझे तुम पर यकीन नहीं है, चालक लोमड़ी! मुझे यही से बताओ कि क्या खुशखबरी है? मैं पेड़ से नहीं उतरूँगा | कबूतर ने पेड़ पर बैठे बैठे ही कहा |लोमड़ी बोली, अच्छी खबर ये है कि कबूतर और लोमड़ी अब से दोस्त बन कर रहेंगे, अब कोई भी लोमड़ी किसी कबूतर को मार कर नहीं खाया करेगी |

अब बताओ क्या ये अच्छी खबर नहीं है |अब तो नीचे आ जाओ कबूतर दोस्त | कबूतर बोला,” लोमड़ी दीदी!मैं बेवक़ूफ़ नहीं हूँ |ऐसा किसने और कब बोला है? जिसने भी यह बोला है पहले तुम उसे अपने साथ लेकर आओ |तब ही मैं तुम्हारी बात मानूंगा |लोमड़ी बोली, “कबूतर भाई, तुम तो मुझे झूठा समझ रहे हो |मैं झूठ नहीं बोल रही हूँ |तुम चाहो तो मेरे साथ चल सकते हो |कबूतर को अब पक्का यकीन हो गया था कि लोमड़ी उसका शिकार करके उसको खाना चाहती है |

कबूतर ने केसे होशियारी से लोमड़ी से जान बचायी |

वह बोला, ऐसा कोई समझौता शेर के साथ भी हुआ है क्या कि अब से लोमड़ी और शेर दोस्त बन कर रहेंगे? शेर का नाम सुनकर लोमड़ी डर के मारे काँपने लगती है |वह कहती है,”शेर के साथ? अरे नहीं!शेर के साथ ये समझौता नहीं हुआ है |लेकिन तुम शेर का नाम क्यों ले रहे हो? लोमड़ी डरती हुई बोली |कबूतर बोला, “अच्छा!लेकिन मुझे तो तुम्हारे पीछे शेर आता हुआ दिखाई दे रहा है |शायद वह तुमसे मिलने के लिए आ रहा है”| यह सुनकर लोमड़ी हड़बड़ा कर बोलती है,”कहाँ है शेर? कहाँ है शेर? मुझे तो शेर नहीं दिखाई दे रहा है “|

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कबूतर ने कहा, तुम नीचे खड़ी हो ना, इसलिए तुम शेर को नहीं देख पा रही हो |मैं पेड़ के ऊपर बैठा हूँ इसलिए मुझे शेर आता दिखाया दे रहा है | अरे बाप रे! एक शेर नहीं ये तो बहुत सारे शेर हैँ |शेर के पीछे और भी बहुत सारे शेर हैँ | ये कहकर कबूतर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा | ये सुनकर कि बहुत सारे शेर लोमड़ी के पास आ रहे हैँ, लोमड़ी दुम दबाकर वहां से भाग जाती है | कबूतर को उस पापी लोमड़ी से छुटकारा मिल गया और लोमड़ी को अच्छा सबक मिला |

अब कबूतर आराम से पेड़ से नीचे उतरा और अपने लिए दाना तलाश करने लगा | बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चाहे कैसी भी मुश्किल आ जाये हमें घबराना और डरना नहीं चाहिए | अपनी सूझ बूझ से उस मुश्किल का हल ढूंढ़ना चाहिए |अगर वह कबूतर उस लोमड़ी कि बात मान लेता तो वह लोमड़ी कबूतर को अपना भोजन बना कर खा जाती |

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बच्चो के लिए हिन्दी कहानी

कुछ साल पुरानी बात है|एक राजा को अच्छे अच्छे और नये नये कपडे पहनने का बहुत शौक था |वह अपने राज्य का सारा धन अपने कपड़ो पर ही खर्च कर देता था| वह  रोज़ रोज़ नए कपडे पहनता था |कपड़ो के आगे उसे अपनी प्रजा की भी कोई परवाह नहीं थी | एक दिन दो चालक आदमी राजा के दरबार में आये| उनका कहना था कि वो दोनों बहुत खास तरह के कपडे बनाते हैँ|उनके  द्वारा बनाये गए कपडे उनके द्वारा बनाये गए कपडे केवल बुद्धिमान लोगो को ही दिखाई देते हैँ |

बेवकूफ लोग उनके द्वारा बनाये गए कपडे नहीं देख सकते हैँ| राजा को उन  दोनों के बारे में पता चला तो राजा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा| उसने सोचा अब तो मैं ऐसी पोशाक पहनूंगा जो सिर्फ बुद्धिमान लोगो को ही दिखाई दे |इस तरह मुझे बुद्धिमान और बेवकूफ लोगो को छाँटने में आसानी होंगी |

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राजा की कहानी

अगले दिन राजा ने उन दोनों कपडे बनाने वाले आदमियों को अपने महल में बुलावाया और कहा कि मेरे लिए अच्छे से अच्छे कपडे बना कर दो |यह कहकर राजा ने उन  दोनों को अशरफियों कि थैली, कपडे तैयार करने का सामान, सुई, कैंची, रेशम आदि दिया |  दोनों कपडे बनाने वाले आदमी सामान लेकर वहां से चले गए | कपडे बनाने वाले राजा के लिए सुन्दर कपडे बनाने में जुट गए | इसी तरह कई दिन और हफ्ते गुज़र गए |

लगभग एक महीने बाद कपडे बनाने वालो ने घोषणा की कि राजा के कपडे बनकर तैयार हैँ |राजा के महल में पहुंचकर दोनों ने राजा को अपने बनाये हुए कपडे दिखाए |पर यह क्या? राजा को तो कपडे दिखाई ही नहीं दे रहे थे |राजा ने सोचा अगर में ये कहूंगा कि मुझे कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ तो सारी प्रजा मेरा मज़ाक उड़ाएगी कि राजा बेवक़ूफ़ है, क्योंकि राजा को कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ |

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बेवक़ूफ़ कहलाये जाने के डर से राजा ने कहा, अरे वाह! क्या पोशाक बनायीं है |कितनी सुन्दर है! इसका रंग कितना अच्छा है, इस पर कितनी अच्छी कलाकारी कि गयी है |राजा ने उन्हें सोने कि अशरफियाँ दी और वो दोनों वहां से चले गए |दरअसल, वो दोनों लोग बहुत चालक थे उन्होंने राजा को बेवक़ूफ़ बना कर राजा से इनाम भी ले लिया और राजा को कोई कपडे भी बना कर नहीं दिए | उनकी बेवक़ूफ़ और बुद्धिमान वाली बात झूठी थी |वे कोई कपडे नहीं बनाते थे |सारे राज्य मे शोर मचा हुआ था कि आज राजा ने ऐसे कपडे पहने जो केवल बुद्धिमान लोग ही देख सकेंगे, बेवक़ूफो को राजा के कपडे नहीं दिखाई देंगे |

सारे दरबारी, सेवक राजा के आने का इंतज़ार करने लगे |जैसे ही राजा बाहर आया सभी लोग दंग रह गए, क्योंकि किसी को भी राजा के कपडे दिखाई नही दे रहे थे| लेकिन बेवक़ूफ़ कहलाये जाने के डर से किसी की ये बोलने कि हिम्मत नहीं हुई कि उसको राजा के कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ |सारे दरबारी एक एक करके राजा के कपड़ो कि तारीफ करने लगे |

जनता और राजा का डर

अरे वाह राजा जी!”कितने सुन्दर कपडे हैँ आपके”,एक बोला | दूसरा बोला, “कपड़ो का डिज़ाइन तो देखो”,कितना अच्छा है|  उनमे से कोई भी नहीं चाहता था कि वह ये कहकर कि उसे कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ, बेवक़ूफ़ कहलाये,क्योंकि कपडे बनाने वालो ने कहा था कि ये कपडे सिर्फ बुद्धिमान लोग ही देख सकते है |

तभी एक छोटी लड़की ज़ोर से चिल्लायी, अरे!!!आप सब किन कपड़ो कि तारीफ कर रहे हैँ |राजा ने तो कुछ भी नहीं पहना हुआ है |यह सुनते ही राजा शर्मिंदा हो गया और सभी लोग ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे |राजा को बहुत गुस्सा आया, उसने उन दोनों लोगो को ढूंढ़ने के लिए अपने सैनिको को भेजा |तब से राजा ने प्रण लिया कि वो ऐसे ही किसी कि बात में नहीं आएगा और अपने कपड़ो से ज़्यादा अपनी प्रजा का ध्यान रखेगा |

हाथी , बिल्ली , तोत्ता आदि की कहानी पढने के लिए क्लिक करें – हिन्दी कहानियां

छोटा तीरंदाज़ | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

छोटा तीरंदाज़ | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

एक व्यक्ति था जो बहुत बुद्धिमान और गज़ब का तीरंदाज़ था लेकिन वह हमेशा इस बात को लेकर परेशान रहता था की राजा की सेना मे उसे भर्ती नही किया जायेगा क्यूंकि उसका कद बहुत छोटा था | लेकिन इसका हल भी उसने खोज निकाला – उसने सोचा मुझे कोई ऐसा आदमी का साथ चाहिए जो बहुत ताकतवर हो | मे उसे राजा की सेना मे भर्ती होने के लिए कहूँगा फिर उसके साथ लड़ने जाया करूंगा |

एक दिन उसकी खोज पूरी हुई और उसको एक ताकतवर इन्सान मिल गया| उसने देखा एक ताकतवर इन्सान मजदूरी कर रहा है वह बहुत लम्बा चोडा पहलवान जेसा इन्सान था | नाटा आदमी उसके पास गया और बोला सुनो अगर तुम राजा के महल मे काम करने लगो तो केसा रहेगा | पहलवान बोला लेकिन मुझे तो कुछ काम नहीआता राजा मुझे अपने यहाँ नोकरी क्योँ देगा |

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नाटा आदमी बोला मे बहुत अच्छा तीरंदाज़ हूँ लेकिन मेरे नाटे कद की वजह से शायद राजा मुझे अपने सनिको मे भर्ती नही होने देगा | लेकिन तुम्हारे कद काठी की वजह से राजा तुम्हारी भर्ती कर लेगा मे तुम्हारे साथ तुम्हारी ढाल बनकर रहूँगा | और तुम्हे जो वेतन मिलेगा उसका हम आधा आधा कर लेंगे |

पहलवान को यह सुझाव अच्छा लगा | उसने सोचा मुझे मजदूरी भी नही करनी पड़ेगी और काम भी उस नाटे तीरंदाज़ को करना होगा मुझे तो मुफ्त मे आधी तनख्वा मिल जाएगी | वह राज़ी हो गया और दोनों राजा के पास गए और उस आदमी ने राजा से अपनी सेना मे उसे शामिल करने की अर्जी की | राजा भी इतने ताकतवर व्यक्ति को देख कर खुश हो गया और उसको अपनी सेना मे भर्ती कर लिया |

छोटा तीरंदाज़ | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

जब कभी कोई बाहरी शत्रु राजा के राज्य मे घुसने की कोशिश करता या राजा कोई मुसीबत देखता तो उस पहलवान को भेज देता | नाटा तीरंदाज़ भी उसके साथ जाता | जेसे की नाटा व्यक्ति तीरंदाजी मे बहुत अच्छा था वह हर बार अपने तीरंदाजी से शत्रु पर तीरों की बारिश करके उनको मार देता | राजा बहुत खुश होता था लेकिन उसको यह लगता था यह काम पहलवान करता है | वह पहलवान की तारीफ करता और उसको इनाम भी देता था |

इससे पहलवान को यह लगने लगा उसको तीरंदाज़ की ज़रूरत नही है उसको अपना इनाम और वेतन तीरंदाज़ से बाटने की ज़रूरत नही है | इसलिए अब वह तीरंदाज़ से गुस्सा रहने लगा | लेकिन एक दिन एक बड़ी मुसीबत सामने आ गई | राजा के राज्य मे दुसरे राजा ने धावा बोल दिया | उसकी सेना बहुत बड़ी थी | राजा को लगता था पहलवान बहुत बाहुदर है इसलिए उसको सबसे आगे भेजा गया |

पहलवान बहुत घबरा गया था लेकिन तीरंदाज़ बोला तुम्हे घबराने की ज़रूरत नही है मे तुम्हारे पीछे रहूँगा और शत्रु को खतम कर दूंगा | जेसे ही वह मेदन मे गए वहां दूसरे राजा की सेना देख कर पहलवान बहुत डर गया और कूद कर वहां से भाग गया | लेकिन तीरंदाज़ वही रहा यही सही समय था उसको अपनी तीरंदाजी दिखाने का | उसने शत्रु की सेना पर बाड़ो की वर्षा कर दी जिससे घबरा कर दुश्मन मैदान छोड़ कर भाग खड़े हुए |

फिर वह जीत का परचम लहराता हुआ राजा के महल मे गया अब राजा जान चुका था असली बाहदुर कोन है उसने तीरंदाज़ को इनाम दिया और अपने महल मे बड़ा सेनापति बना लिया | अगर आप काबिल हैं तो आपको अपनी काबिलयत के हिसाब से स्थान ज़रूर मिलता है बस उसके लिए थोडा इंतज़ार करना पड़ता है |

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बुरी संगत | शेर और भेडिये की कहानी

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बुरी संगत | शेर और भेडिये की कहानी बुरी संगत |

किसी जंगल मे एक आलसी और दुष्ट भेड़िया रहता था | वह कुछ काम नही करता था और इसी जुगाड़ मे रहता था कोई उसके लिए शिकार का इंतेज़ाम कर दे| एक दिन उसकी मुलाकात एक नोजवान शेर से हुई | उसने उसे मीठी मीठी बाते करके अपनी मित्रता के जाल मे फंसा लिया |शेर के माता पिता जानते थे भेड़िया बहुत दुष्ट है इसलिए उन्होंने शेर को पहले ही चेतावनी दी हुई थी कभी भी भेडिये से दोस्ती मत करना | उसके वजह से तुम मुसीबत मे पड़ सकते हो इसलिए उससे हमेशा दूर रहना | लेकिन शेर ने उनकी बात नही मानी और भेडिये से दोस्ती करली |

अब शेर और भेड़िया अच्छे दोस्त बन गए थे | शेर शिकार करके लाता और भेड़िया और शेर दोनों मिलकर उसको खाते थे | एक दिन भेडिये की नज़र घोड़ो पर पड़ी वह झील के किनारे पानी पी रहे थे | घोड़ो को देख कर भेडिये के मुंह मे पानी आ गया | उसने एक योजना बनाई केसे वो शेर को घोड़े का शिकार करने के लिए राज़ी करेगा |

उसने जाकर शेर को बोलो हम रोज़ बकरी और दुसरे जानवर खा कर बोर हो गए हैं क्योँ ना कुछ अलग किया जाये |शेर बोला तुम क्या कहना चाहते हो भेड़िया बोला मेने झील के किनारे बहुत अच्छे घोड़े देखे हैं और मेने सुना है घोड़ो का मॉस खा कर बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं तुम उनका शिकार करो | शेर ने कहा ठीक है तुम मुझे उस झील के पास ले जाओ जहाँ घोड़े आते हैं मे उनका शिकार करूंगा | भेड़िया शेर को वहां ले गया और शेर झाड़ी के पीछे छुप गया जेसे ही घोड़े वहां आये शेर ने हमला करके एक घोड़े को पकड़ लिया और शेर और भेडिये दोनों ने उसकी दावत उडाई |

बुरी संगत | शेर और भेडिये की कहानी |

शेर के माता पिता को जब इस बात का पता चला की शेर ने घोड़े का शीकार किया है वो बहुत परेशान हो गए क्यूंकि उनको पता था वह घोड़े राजा के हैं और राजा को अगर यह बात पता चली तो वह शेर को मरवा देंगे | उन्होंने शेर को बुलाया और समझाया बेटा तुम भेडिये से दूर रहो उसकी संगत अच्छी नही है वह तुम्हे मुसीबत मे डाल देगा | तुम जिस घोड़ो का शिकार कर रहे हो वह राजा के हैं और राजा को अगर यह बात पता चल गई वह तुम्हे मार देगा |

लेकिन शेर ने अपने माता पिता की एक नही सुनी और वहां से चला गया | और रोज़ घोड़े का शिकार करने लगा जब यह बात राजा को पता चली उसने अपने महल मे ही घोड़ो के लिए पानी का इंतेज़ाम कर दिया वह शेर को नही मारना चाहता था क्यूंकि वह शेर के माता पिता को जानता था | शेर के माता पिता राजा के दोस्त थे |

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लेकिन भेड़िया बहुत दुष्ट था |उसने शेर को भड़का दिया तुम बहुत ताकतवर हो तुम राजा के महल मे जाकर भी घोड़े को मार कर ला सकते हो | तुम बहुत ताकतवर हो तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है | शेर ने सोचा भेड़िया सही कह रहा है, तभी तो राजा ने मुझसे डरकर घोड़ो को अपने महल मे रख लिया है |

यह सोचते हुए वह घोड़े के शिकार के लिए महल की तरफ चल पड़ा | जब राजा ने शेर को महल मे देखा उसको बहुत गुस्सा आया और उसने अपने सैनिक को आदेश दिया शेर को मार डालो | सनिको ने तीर कमान से उसपर वार किया और उसको मार डाला |भेड़िया डर कर वहां से भाग गया , पर शेर को अपने माता पिता का कहना ना मानने के कारण अपनी जान गवानी पड़ी |

जो अपने बडो का कहना नही मानता , और बुरे लोगो की संगती मे रहता है उसे इसी तरह अपनी जान गवानी पडती है |

केसे बने कुत्ता बिल्ली दुश्मन | हिन्दी कहानियां |

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कुत्ता बिल्ली केसे बने दुश्मन | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

बहुत समय पहले की बात है एक गाँव में एक पति पत्नी रहते थे वह हमेशा खुश रहते थे | उन्होंने दो जानवर कुत्ता और बिल्ली पाल रखे थे | उनके घर में एक हीरा था जोकि एक लक्की (किस्मत वाला ) हीरा था जिसके वजह से उनके घर में हमेशा खुशियाँ रहती थी और उसकी वजह से ही उनको कभी खाने पिने की कमी नही रहती थी | हालंकि उनको इसकी जानकारी नही थी की वह हीरा उनके लिए कितना लक्की है | (Hindi story for kids -और कहानी पढने के लिए क्लिक करें )

एक दिन उस आदमी की पत्नी अचानक बड़ी बीमार हो गयी जिसकी वजह से उनको बहुत सारे पैसो की ज़रूरत पड़ गयी | उस आदमी ने वह लकी हीरा बेचकर पैसे इकठ्ठा कर लिए और कुछ दिन बाद उसकी पत्नी ठीक हो गयी | लेकिन उस लकी हीरे के जाने की वजह से घर में बड़ी तंगी आ गयी | उनके पास खाने तक के पैसे नही बचे | अब दोनों जानवर कुत्ता और बिल्ली को भी खाने के लिए कुछ नही मिलता था | दिन बड़े परेशानी में गुज़र रहे थे |

हिन्दी कहानियाँ | कुत्ते बिल्ली की कहानी |

दोनों जानवरों कुत्ता और बिल्ली को पता चल गया यह सब उस लकी हीरे के जाने की वजह से हुआ है | उन्होंने तय किया वह उस हीरे को वापस लायेंगे | कुत्ते को एक idea आया | वह बिल्ली से बोला तुम अपने दोस्त चूहे को बोलो वह हमारी मदद करे | चूहा उस लकड़ी की अलमारी को कुतर दे जिसमे वह हीरा रखा है और वह हीरा लाकर हमे देदे | वह बहुत छोटा होता है किसी को पता भी नही चलेगा साथ ही उसके दांत कुतरने के लिए बहुत तेज़ होते हैं |

बिल्ली को यह idea बहुत पसंद आया उसने अपने दोस्त चूहे को यह योजना बताई चूहा अपनी दोस्त की मदद करने के लिए तेयार हो गया | तीनो जिस घर में वह खरीदार रहता था उस घर की तरफ चल दिए | रस्ते में एक नदी आई | लेकिन बिल्ली और चूहे को तेरना नही आता था लेकिन कुत्ते को तेरना आता था उसने दोनों को अपनी पीठ पर बैठा कर आराम से नदी पार करा दी |

खरीदार के घर पर पहुचने के बाद बिल्ली ने चूहे को बोला हम दोनों बाहर खड़े हैं तुम जाओ और जल्दी से अपना काम करो और हीरा लेकर आ जाओ | चूहा गया और अलमारी में छेद करके वह हीरा निकाल लाया और अपनी दोस्त बिल्ली को वह हीरा दे दिया | बिल्ली ने वह हीरा अपने पास रख लिया |

केसे बने कुत्ता बिल्ली दुश्मन | बच्चो के लिए हिन्दी कहानियां |

फिर तीनो नदी पार करके अपने मालिक के घर की तरफ आने लगे | लेकिन कुत्ता नदी पर करने की वजह से बड़ा थक गया था उसने बोला बिल्ली क्योँ न हम थोड़ी देर आराम कर लें उसके बाद मालिक को जा कर यह हीरा दे आयेंगे में बहुत थक गया हूँ | बिल्ली ने बोला ठीक है वह दोनों वहाँ आराम करने लगे चूहा अपने घर चला गया |कुत्ता थका होने की वजह से सो गया लेकिन बिल्ली जाग रही थी उसकी दिमाग में एक चुतराई आई उसने सोचा क्योँ न में जाकर यह हीरा मालिक को दे दूँ इससे मुझे ज्यादा शाबाशी मिलेगी | यह सोचते हुए बिल्ली उठी और अपने मालिक के घर की तरफ चल पढ़ी उसने घर पहुंच कर अपने मालिक को बताया केसे वह हीरा उनके लिए लकी है |

दोनों पति पत्नी बड़े खुश हुए और सोचने लगे बिल्ली हमसे कितना प्यार करती है वह उसको शाबाशी देने लगे और बहुत प्यार करने लगे | तभी कुत्ता भी हांफता हुआ वहां आ गया दोनों उसको देख कर बड़ा गुस्सा हुए और बोले यह नाकारा कुत्ता किसी काम का नही है इसने हीरा वापस लाने के बारे में सोचा भी नही | उन्होंने कुत्ते को घर से बाहर निकाल दिया |कुत्ते को बिल्ली पर बहुत गुस्सा आया क्यूंकि उसने मालिक को नही बताया यह सब उसकी योजना थी | तभी से कुत्ते और बिल्ली में दुश्मनी हो गयी वह जहाँ भी एक दुसरे को देखते हैं लड़ पड़ते हैं |

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