बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बच्चो के लिए हिन्दी कहानी

कुछ साल पुरानी बात है|एक राजा को अच्छे अच्छे और नये नये कपडे पहनने का बहुत शौक था |वह अपने राज्य का सारा धन अपने कपड़ो पर ही खर्च कर देता था| वह  रोज़ रोज़ नए कपडे पहनता था |कपड़ो के आगे उसे अपनी प्रजा की भी कोई परवाह नहीं थी | एक दिन दो चालक आदमी राजा के दरबार में आये| उनका कहना था कि वो दोनों बहुत खास तरह के कपडे बनाते हैँ|उनके  द्वारा बनाये गए कपडे उनके द्वारा बनाये गए कपडे केवल बुद्धिमान लोगो को ही दिखाई देते हैँ |

बेवकूफ लोग उनके द्वारा बनाये गए कपडे नहीं देख सकते हैँ| राजा को उन  दोनों के बारे में पता चला तो राजा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा| उसने सोचा अब तो मैं ऐसी पोशाक पहनूंगा जो सिर्फ बुद्धिमान लोगो को ही दिखाई दे |इस तरह मुझे बुद्धिमान और बेवकूफ लोगो को छाँटने में आसानी होंगी |

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राजा की कहानी

अगले दिन राजा ने उन दोनों कपडे बनाने वाले आदमियों को अपने महल में बुलावाया और कहा कि मेरे लिए अच्छे से अच्छे कपडे बना कर दो |यह कहकर राजा ने उन  दोनों को अशरफियों कि थैली, कपडे तैयार करने का सामान, सुई, कैंची, रेशम आदि दिया |  दोनों कपडे बनाने वाले आदमी सामान लेकर वहां से चले गए | कपडे बनाने वाले राजा के लिए सुन्दर कपडे बनाने में जुट गए | इसी तरह कई दिन और हफ्ते गुज़र गए |

लगभग एक महीने बाद कपडे बनाने वालो ने घोषणा की कि राजा के कपडे बनकर तैयार हैँ |राजा के महल में पहुंचकर दोनों ने राजा को अपने बनाये हुए कपडे दिखाए |पर यह क्या? राजा को तो कपडे दिखाई ही नहीं दे रहे थे |राजा ने सोचा अगर में ये कहूंगा कि मुझे कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ तो सारी प्रजा मेरा मज़ाक उड़ाएगी कि राजा बेवक़ूफ़ है, क्योंकि राजा को कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ |

बेवकूफ राजा की कहानी | Hindi story for kids

बेवक़ूफ़ कहलाये जाने के डर से राजा ने कहा, अरे वाह! क्या पोशाक बनायीं है |कितनी सुन्दर है! इसका रंग कितना अच्छा है, इस पर कितनी अच्छी कलाकारी कि गयी है |राजा ने उन्हें सोने कि अशरफियाँ दी और वो दोनों वहां से चले गए |दरअसल, वो दोनों लोग बहुत चालक थे उन्होंने राजा को बेवक़ूफ़ बना कर राजा से इनाम भी ले लिया और राजा को कोई कपडे भी बना कर नहीं दिए | उनकी बेवक़ूफ़ और बुद्धिमान वाली बात झूठी थी |वे कोई कपडे नहीं बनाते थे |सारे राज्य मे शोर मचा हुआ था कि आज राजा ने ऐसे कपडे पहने जो केवल बुद्धिमान लोग ही देख सकेंगे, बेवक़ूफो को राजा के कपडे नहीं दिखाई देंगे |

सारे दरबारी, सेवक राजा के आने का इंतज़ार करने लगे |जैसे ही राजा बाहर आया सभी लोग दंग रह गए, क्योंकि किसी को भी राजा के कपडे दिखाई नही दे रहे थे| लेकिन बेवक़ूफ़ कहलाये जाने के डर से किसी की ये बोलने कि हिम्मत नहीं हुई कि उसको राजा के कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ |सारे दरबारी एक एक करके राजा के कपड़ो कि तारीफ करने लगे |

जनता और राजा का डर

अरे वाह राजा जी!”कितने सुन्दर कपडे हैँ आपके”,एक बोला | दूसरा बोला, “कपड़ो का डिज़ाइन तो देखो”,कितना अच्छा है|  उनमे से कोई भी नहीं चाहता था कि वह ये कहकर कि उसे कपडे दिखाई नहीं दे रहे हैँ, बेवक़ूफ़ कहलाये,क्योंकि कपडे बनाने वालो ने कहा था कि ये कपडे सिर्फ बुद्धिमान लोग ही देख सकते है |

तभी एक छोटी लड़की ज़ोर से चिल्लायी, अरे!!!आप सब किन कपड़ो कि तारीफ कर रहे हैँ |राजा ने तो कुछ भी नहीं पहना हुआ है |यह सुनते ही राजा शर्मिंदा हो गया और सभी लोग ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे |राजा को बहुत गुस्सा आया, उसने उन दोनों लोगो को ढूंढ़ने के लिए अपने सैनिको को भेजा |तब से राजा ने प्रण लिया कि वो ऐसे ही किसी कि बात में नहीं आएगा और अपने कपड़ो से ज़्यादा अपनी प्रजा का ध्यान रखेगा |

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