Imandari Ka Inaam- इमंदारी का इनामI

Imandari Ka Inaam- इमंदारी का इनामI

एक लकड़हारा था जो अपना और अपनी पत्नी और बच्चों का पेट पालने के लिए लकड़ी काटता और शहर में बेचता था। एक दिन जंगल में लकड़ी काटते समय उसकी कुल्हाड़ी खो गई। उसके पास इतना पैसा नहीं था कि वह दूसरी कुल्हाड़ी खरीद सके। वह पूरे जंगल में कुल्हाड़ी की तलाश की लेकिन कुल्हाड़ी कहीं नहीं मिली, वह थक कर रोने लगी।


अचानक पेड़ों के पीछे से एक परी निकली , उसने कहा, “क्या बात है, लकड़हारे? तुम क्यों रो रहे हो?”


लकड़हारे ने रोते हुए कहा, “मेरी कुल्हाड़ी खो गई है, मैंने हर जगह ढूंढा लेकिन कहीं नहीं मिली। भगवान के लिए, इसे ढूंढो और ले आओ।”

यह सुनकर परी लकड़हारे की नज़रों से ओझल हो गया और थोड़ी देर बाद हाथ में सोने की कुल्हाड़ी लेकर उसके पास वापस आयी।

Imandari Ka Inaam

उसने लकड़हारे से कहा, “देख, मुझे तेरी कुल्हाड़ी मिल गई है।” लकड़हारे ने कुल्हाड़ी देखकर कहा, “यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।”वह लोहे की बनी था।


परी फिर गायब हो गयी और अब वह चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आयी । उसने कहा, “लो, यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है।”

“नहीं, यह तो चांदी की कुल्हाड़ी है, मेरी कुल्हाड़ी नहीं,” लकड़हारे ने कहा। यह सुनकर परी फिर से गायब हो गयी ,

जब वह हाथ में लोहे की कुल्हाड़ी लेकर लकड़हारे के पास लौटी । इस कुल्हाड़ी को देखकर लकड़हारा खुशी से चिल्लाया, “हां, हां, यह मेरी कुल्हाड़ी है। भगवान का शुक्र है।”


परी ने कहा, “आप बहुत ईमानदार व्यक्ति हैं। मैं आपको ये तीन कुल्हाड़ियाँ दे रही हूँ। यह आपका इनाम है।” लकड़हारे ने परी से तीनो कुल्हाड़ियाँ ले लीं और खुशी-खुशी अपने घर चला गया।

बुरी संगत का असर– Hindi Moral Story

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एक अच्छे काम की शुरुआत- Hindi Moral Story

एक अच्छे काम की शुरुआत-Hindi Moral story

एक अच्छे काम की शुरुआत- Hindi Moral Story |

एक बच्चा जिसका नाम रामू था अपनी माँ के साथ बाज़ार समान खरीदने गया | समान खरीद कर वह वापिस घर जाने के लिए बस में बैठे | बस चल पड़ी और एक बच्चा बस में घुस गया, गंदे कपड़े, टूटे जूते और बिखरे बाल वाला बच्चा |


उसने सबसे पहले बस में सवार लोगों का अभिवादन किया और फिर बताया कि उसके पिता मजदूर थे, जिनकी मकान निर्माण के दौरान छत से गिरकर मौत हो गई थी. घर में पांच छोटे भाई-बहन हैं. उन्हें खाना खाने के लिए घर में कुछ नही हैं आप लोग मेरी मदद करें |


कृपया मेरी मदद करें।बच्चा लगभग आठ साल का था।वह काफी देर तक बस में खड़ा रहा।एक महिला और दो बूढ़ों के अलावा किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। जब रामू ने अपनी मां से उसे कुछ पैसे देने के लिए कहा तो मां ने कहा कि कुछ लोग इस तरह बच्चों से भीख मांगते हैं।

रामू ने अपनी मां से बहस नहीं की। घर आने के बाद भी वह पूरे दिन बेचैन रहा। रात को सोते समय भी बच्चा उसकी आंखों के सामने आता रहा। रामू ने अपनी और उसकी तुलना की। रामू के पिता का निधन हो गया। माँ एक एक सरकारी स्कूल मे शिक्षक थी|

एक अच्छे काम की शुरुआत


रामू की दो छोटी बहनें इकरा और मरियम थीं। रामू पंद्रह साल का था। उसने 10 वी की परीक्षा पास की थी। रामू के पास अच्छा खाना और कपड़े थे, और बच्चे ने गंदे कपड़े पहने थे, और उसके पास खाना भी नहीं था। उसे इसके लिए भीख माँगनी पड़ी।
रामू बार-बार माँ की बात ठीक कह कर अपने को तसल्ली देता, पर मन नहीं भरता और इसी बीच नींद की वादियों में चला गया।

दो दिन बाद जब रामू अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलकर लौट रहा था तो उसने बच्चे को देखा, जो कूड़े के ढेर में कुछ खोज रहा था। कुछ देर बाद एक आदमी फलों के छिलके फेंक कर चला गया। बच्चे ने तुरंत छिलके उठाए और दूसरी दिशा में चल दिया। रामू भी उसके पीछे हो लिया। थोड़ी देर बाद, वे एक झुग्गी में पहुँचे। वहां एक छोटी सी झोपडी थी जहाँ और भी लोग रहते थे |


बच्चे ने जैसे ही फलों के छिलके डाले पांचों छोटे बच्चे छिलकों की तरफ दौड़ पड़े गर्मी का मौसम था और ज्यादातर गर्मियों के फलों में छिलके होते हैं। बच्चे गोले पर बचा कच्चा गूदा खा रहे थे, जबकि बच्चों की मां उनके बगल में खाट पर बैठी थी।

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यह सब देखकर रामू की आंखों में आंसू आ गए। जब ​​वह घर लौटा तो उसने अपनी मां को सब कुछ बताया, जिसे सुनकर उसकी मां बहुत दुखी हुई। उन्होंने घर से कुछ राशन, फालतू कपड़े और कुछ पैसे लिए। और रामू के साथ उस बच्चे की झोपड़ी में चले गए। .


रामू और उसकी माँ को देखकर वे बहुत हैरान हुए। जब ​​रामू की माँ ने उन्हें सामान दिया, तो महिला की आँखों में आँसू आ गए। उसने रामू और उसकी माँ को धन्यवाद दिया। आज रामू बहुत खुश था और उसकी सारी चिंताएँ दूर हो गईं। अब उसके पास भी अन्य लोगों को अच्छे कार्यों में भागीदार बनाया।

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Kids Stories In Hindi – आलसी गधा और बैल

Kids Stories In Hindi – आलसी गधा और बैल

Kids Stories In Hindi – आलसी गधा और बैल | एक गाँव में एक किसान रहता था। वह जानवरों की भाषा समझ सकता था। हर शाम वह अपने खेत में रुकता था, ताकि वह अपने जानवरों को बातचीत करते हुए सुन सके।

एक शाम उसने अपने एक बैल को एक गधे से अपने काम की शिकायत करते हुए सुना।

बैल बोला, “दोस्त, मैं सुबह से लेकर रात तक हल जोतता हूं, कितना भी गर्म दिन हो, मेरे पैर कितने भी थक गए हो, मेरी गर्दन में कितना भी दर्द हो, मैं काम जरूर करता हूं।

लेकिन तुम आराम करते रहते हो, तुम्हारे तो मजे हैं तुम तो एक रंगीन कंबल में लिपटे रहते हो, मालिक के साथ इधर उधर जाने के अलावा कुछ नहीं करते हो और सारा दिन हरी घास खाते हो।”

यह गधा आलसी होने के बावजूद बैल का एक अच्छा दोस्त था। उसे बैल से सहानुभूति थी।

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गधा बैल से बोला, “मेरे अच्छे दोस्त, तुम बहुत मेहनत करते हो और मैं तुम्हें आराम दिलाना चाहता हूं इसलिए मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूँ जिससे तुम आराम कर सको।

सुबह जब किसान का नौकर तुम्हें काम पर ले जाने के लिए आए, तो ऐसे आवाज करना मानो तुम बीमार हो और काम नहीं कर सकते।”

किसान दोनों की बातें सुन रहा था। और उसे गधे के द्वारा दिये गए उपाय का पता चल गया था। बैल ने गधे की सलाह मान ली और अगली सुबह जब नौकर आया तो बैल ने बीमार होने का नाटक किया।

नौकर किसान के पास गया और किसान के पास पहुंच कर बताया कि बैल बीमार है और खेत नहीं जोत सकता है। किसान को तो इस बात का पहले से पता था की बैल आज बहाना करने वाला है।

किसान ने कहा, “बैल बीमार है तो गधे को खेत में ले जाओ और उससे खेत को जोतो।”

Kids Stories In Hindi – आलसी गधा और बैल

नौकर गधे को अपने साथ खेत में ले गया और पूरा दिन उसने गधे से खेत जुतवाया। गधे की मंशा दोस्त की मदद करने की थी। उलटा उसी को अपने दोस्त का काम करना पढ़ गया।

जब रात आई और उसे हल से आजाद किया गया, उसका दिल कड़वाहट सा भर गया था। गधे के पैर थके हुए थे और उसकी गर्दन हल के कारण सूज गई थी।

बैल ने आज दिन भर आराम किया था। वह गधे को देख कर खुशी से बोला, “तुम मेरे अच्छे दोस्त हो, तुम्हारी सलाह के कारण आज मैं 1 दिन आराम कर पाया।”

गधा बहुत थका हुआ था उसने गुस्से से जवाब दिया, “और में अपने दोस्त की मदद करने चला था और उसका काम करने पर मजबूर हो गया।

आज से तुम ही हल जोतना क्योंकि मैंने मालिक को अपने नौकर को यह बोलते सुना है की अगर बैल फिर बीमार हुए तो वह बैल को खाना नहीं देंगे। मैं तो यही चाहता हूं कि वह तुम्हें खाना न दें क्योंकि तुम बहुत ही आलसी हो।”

गधे के मुंह से एसी कड़वी बाते सुन बैल को भी गुस्सा आ गया। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे से कभी बात नहीं की। यहां उनकी दोस्ती का अंत हो गया था।

इस कहानी से हमने क्या सीखा:

Moral Stories For Children In Hindi से यह सीख मिलती है  की अगर तुम अपने दोस्त की मदद करना चाहो तो, मदद इस तरीके से करो की दोस्त का भार तुम पर न आए। 

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चिड़िया की कहानी | Hindi Moral Story

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चिड़िया की कहानी | Hindi Moral Story |

एक बार एक अमीर आदमी  ने एक चिड़िया को पकड़कर पिंजरे में डाल दिया। चिड़िया उस आदमी से प्रार्थना करने लगी, “कृपया मुझे आज़ाद कर दो।

अगर तुम मुझे जाने दो, तो मैं तुम्हें खुशी का राज बताऊंगा। आदमी अमीर था लेकिन खुश नहीं था। वह खुश रहने का राज़  जानना चाहता था। इसलिए उसने चिड़िया को पिंजरे से आज़ाद कर दिया।

 चिड़िया ने कहा, सुनो “जो कुछ हुआ है उसके लिए कभी मत रोओ।” और फालतू की बातों पर कभी भरोसा मत करना।” यही खुशी का राज है।

चिड़िया कुछ और ऊपर उड़ी और बोली, “तुमने मुझे आज़ाद करके बहुत बड़ी गलती की है। मेरे पंखों के नीचे कीमती  हीरे हैं। अब आपको उनमें से कोई भी नहीं मिलेगा।”

यह सुनकर अमीर आदमी सचमुच बहुत गुस्सा हुआ  और बहुत दुखी था। उस आदमी ने कहा, “अरे नहीं! मैं कितना पागल हूँ!

तुम बहुत बुरी हो रुको मे तुम्हे अभी पकड़ता हूँ |

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चिड़िया की कहानी | चिड़िया ने कही दो अनमोल बातें

चिड़िया ने कहा, “पागल  मत बनो साहब”। “तुम अच्छे आदमी हो कि तुमने मुझे जाने दिया। इसलिए मैंने आपको एक अच्छी सलाह दी है। मैंने आपको जो सलाह दी है, उसके बारे में सोचें।

पहली बात में मैंने कहा, जो हुआ है उस पर रोओ मत। मैं तुमसे पहले ही बहुत दूर हूँ। तुम मुझे फिर से नहीं पकड़ सकते। तो इसके लिए खुद को दुखी क्यों कर रहे हो ?

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दूसरी बात, मेरे जैसे साधारण चिड़िया के पंखों के नीचे हीरे कैसे हो सकते हैं?

“वे मेरे बेकार शब्द थे”। ऐसे शब्दों पर भरोसा करना भूल है!

मेरी सलाह का पालन करें और खुश रहें। अलविदा

यह कहकर चिड़िया उड़ गई।

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छोटा तीरंदाज़ | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

छोटा तीरंदाज़ | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

एक व्यक्ति था जो बहुत बुद्धिमान और गज़ब का तीरंदाज़ था लेकिन वह हमेशा इस बात को लेकर परेशान रहता था की राजा की सेना मे उसे भर्ती नही किया जायेगा क्यूंकि उसका कद बहुत छोटा था | लेकिन इसका हल भी उसने खोज निकाला – उसने सोचा मुझे कोई ऐसा आदमी का साथ चाहिए जो बहुत ताकतवर हो | मे उसे राजा की सेना मे भर्ती होने के लिए कहूँगा फिर उसके साथ लड़ने जाया करूंगा |

एक दिन उसकी खोज पूरी हुई और उसको एक ताकतवर इन्सान मिल गया| उसने देखा एक ताकतवर इन्सान मजदूरी कर रहा है वह बहुत लम्बा चोडा पहलवान जेसा इन्सान था | नाटा आदमी उसके पास गया और बोला सुनो अगर तुम राजा के महल मे काम करने लगो तो केसा रहेगा | पहलवान बोला लेकिन मुझे तो कुछ काम नहीआता राजा मुझे अपने यहाँ नोकरी क्योँ देगा |

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नाटा आदमी बोला मे बहुत अच्छा तीरंदाज़ हूँ लेकिन मेरे नाटे कद की वजह से शायद राजा मुझे अपने सनिको मे भर्ती नही होने देगा | लेकिन तुम्हारे कद काठी की वजह से राजा तुम्हारी भर्ती कर लेगा मे तुम्हारे साथ तुम्हारी ढाल बनकर रहूँगा | और तुम्हे जो वेतन मिलेगा उसका हम आधा आधा कर लेंगे |

पहलवान को यह सुझाव अच्छा लगा | उसने सोचा मुझे मजदूरी भी नही करनी पड़ेगी और काम भी उस नाटे तीरंदाज़ को करना होगा मुझे तो मुफ्त मे आधी तनख्वा मिल जाएगी | वह राज़ी हो गया और दोनों राजा के पास गए और उस आदमी ने राजा से अपनी सेना मे उसे शामिल करने की अर्जी की | राजा भी इतने ताकतवर व्यक्ति को देख कर खुश हो गया और उसको अपनी सेना मे भर्ती कर लिया |

छोटा तीरंदाज़ | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

जब कभी कोई बाहरी शत्रु राजा के राज्य मे घुसने की कोशिश करता या राजा कोई मुसीबत देखता तो उस पहलवान को भेज देता | नाटा तीरंदाज़ भी उसके साथ जाता | जेसे की नाटा व्यक्ति तीरंदाजी मे बहुत अच्छा था वह हर बार अपने तीरंदाजी से शत्रु पर तीरों की बारिश करके उनको मार देता | राजा बहुत खुश होता था लेकिन उसको यह लगता था यह काम पहलवान करता है | वह पहलवान की तारीफ करता और उसको इनाम भी देता था |

इससे पहलवान को यह लगने लगा उसको तीरंदाज़ की ज़रूरत नही है उसको अपना इनाम और वेतन तीरंदाज़ से बाटने की ज़रूरत नही है | इसलिए अब वह तीरंदाज़ से गुस्सा रहने लगा | लेकिन एक दिन एक बड़ी मुसीबत सामने आ गई | राजा के राज्य मे दुसरे राजा ने धावा बोल दिया | उसकी सेना बहुत बड़ी थी | राजा को लगता था पहलवान बहुत बाहुदर है इसलिए उसको सबसे आगे भेजा गया |

पहलवान बहुत घबरा गया था लेकिन तीरंदाज़ बोला तुम्हे घबराने की ज़रूरत नही है मे तुम्हारे पीछे रहूँगा और शत्रु को खतम कर दूंगा | जेसे ही वह मेदन मे गए वहां दूसरे राजा की सेना देख कर पहलवान बहुत डर गया और कूद कर वहां से भाग गया | लेकिन तीरंदाज़ वही रहा यही सही समय था उसको अपनी तीरंदाजी दिखाने का | उसने शत्रु की सेना पर बाड़ो की वर्षा कर दी जिससे घबरा कर दुश्मन मैदान छोड़ कर भाग खड़े हुए |

फिर वह जीत का परचम लहराता हुआ राजा के महल मे गया अब राजा जान चुका था असली बाहदुर कोन है उसने तीरंदाज़ को इनाम दिया और अपने महल मे बड़ा सेनापति बना लिया | अगर आप काबिल हैं तो आपको अपनी काबिलयत के हिसाब से स्थान ज़रूर मिलता है बस उसके लिए थोडा इंतज़ार करना पड़ता है |

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अच्छाई का इनाम | Hindi Moral story |

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अच्छाई का इनाम | Hindi Moral story | दोस्तों हमे हमेशा अच्छे काम करने चाहिए अच्छाई का बदला हमेशा मिलता है | इस कहानी के माध्यम से हम बतायेंगे केसे लडके को अपनी अच्छाई का बदला मिला |

Hindi story with Moral | नेकी का इनाम
Hindi story with Moral| अच्छाई का इनाम |

एक शहर में एक अमीर आदमी रहता था। वह बहुत अमीर था और एक शानदार जीवन जी रहा था। वह हमेशा अपने दोस्तों और पड़ोसियों से अपने पैसो के बारे में डींग मारता था। वह अपने नौकर से भी अच्छा व्यवहार नही करता था।उसने उसके साथ इतना बुरा व्यवहार किया कि वह बीमार पड़ गया।

सोने का चूहा – मनोरंजक हिन्दी कहानी

नौकर ने सोचा “मैं किसी दिन भाग जाऊंगा और फिर कभी वापस नहीं आऊंगा,” । उसने योजनाएँ बनाना शुरू किया। एक दिन, जब उसका मालिक काम पर गया, तो वह भाग गया। वह शहर के बाहर एक जंगल में पहुँच गया।

जंगल में कुछ खाने और पानी की तलाश में भटकते हुए , उसे एक गुफा मिली। वह गुफा खाली थी, इसलिए उसने उसमें छिपने का फैसला किया। “मैं अब आज़ाद हूँ। उसने सोचा मालिक मुझे यहाँ कभी नहीं ढूँढ सकते”, यह सोचते हुए वह खुशी से सो गया।

नोकर और शेर की मुलाकात (Hindi Moral story )


तभी उसे शेर के कराहने की आवाज़ सुनी आवाज़ सुन कर वह जाग गया । नोकर डर कर खड़ा हो गया उसने शेर की खतरनाक आँखों को देखा, शेर उसकी तरफ आ रहा था । वह डर गया। उसके पास न चीखने की ताकत थी, न ही भागने की।

अच्छाई का इनाम

बाघ लंगड़ाते हुए उसके करीब आ गया और बोला , “मेरे पंजे में एक कांटा फंस गया है। अगर आप इसे हटा देंगे, तो मैं ज़िन्दगी भर आपका अहसान नही भूलूंगा ।” नौकर ने धीरे से शेर के पंजे से कांटा निकाल दिया| शेर ने उसका शुक्रिया अदा किया और वे अच्छे दोस्त बन गए।

कुछ दिनों बाद, उस मालिक के आदमी जंगल में उस नौकर की तलाश में आए। उन्होंने उसे पकड़ लिया और उसे उसके मालिक के पास ले गए। मालिक ने आदेश दिया “इस नौकर को एक भूखे शेर के सामने डाल दो ,”

सजा के दिन, शहर भर से लोग लड़ाई देखने आए। जब शेर नौकर पर हमला करने वाला था, तो उसने उसे पहचान लिया। नौकर को एहसास हुआ कि वह वही है जिसे उसने एक बार बचाया था। हर कोई उनकी दोस्ती देख कर हेरान था। यह देख कर मालिक ने नौकर को माफ कर दिया और उसे जाने दिया।

Moral: “अच्छाई के बदले अच्छाई मिलती है “

बुरी संगत का असर- Hindi Moral Story

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बुरी संगत का असर |Hindi Moral story – इस कहानी में बुरी संगती का असर एक सडे हुए आम के माध्यम से बताया गया है | बुरी संगत इन्सान के लिए बहुत नुकसानदायक होती है हमे हमेशा अच्छे लोगो के साथ रहना चाहिए | अकबर बीरबल की कहानियाँ पढ़ें

बुरी संगत का असर- Hindi Moral Story

बुरी संगत का असर|

एक बार एक गाँव में एक किसान रहता था। वह हर दिन खेत में काम करने के लिए सुबह जल्दी निकल जाता था, खेत में बहुत मेहनत करता था और शाम को घर लौटता था।

वह दुखी रहता था क्योंकि उसका इकलौता बेटा बुरी संगत में रहता था। वह अपने पिता का कहना नही मानता था और कभी अपने पिता की इज्ज़त भी नहीं करता था।

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गरीब किसान ने अपने बेटे को सही रास्ते पर लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसकी सारी कोशिशें नाकाम रहीं। उसने अपने बेटे को उसके बुरे दोस्तों से दूर रहने की सलाह दी, पर बेटे ने कभी अपने पिता की बात नहीं मानी। अंत में, वह किसान एक योजना बनायीं |

( बुरी संगत का असर)

एक दिन, जब उसका बेटा घर पर नहीं था, उसने अपने बगीचे से कुछ ताजे आम उठाए। उसने ताजे आमों के साथ एक सड़ा हुआ आम रखा और अपने बेटे के लौटने का इंतजार करने लगा।

जब बेटा घर लौटा, तो उसके पिता ने कहा, “यहाँ एक आम की टोकरी है कृपया उन्हें रसोई के एक कोने में रख दें।” ये वही टोकरी थी जिसमे किसान ने ताज़े आम के साथ एक सड़ा हुआ आम रखा था | बेटे ने वही किया जो उसे बताया गया था। उसने देखा कि कुछ ही दिनों में सारे आम सड़ चुके थे। वह दुखी हुआ और अपने पिता के पास गया।

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उसके पिता ने कहा, ‘मैंने ताजे के बीच एक सड़ा हुआ आम रखा था। तुमने शायद यह नहीं सोचा होगा कि एक सड़ा हुआ आम बाकी आमो को भी खराब कर सकता है। इसलिए तुमने इसे फेंकने की ज़रूरत नहीं समझी । इसी तरह, तुम अपनी बुरी संगति के दुष्परिणामों को महसूस नहीं कर पा रहे हो ।”

बेटा समझ गया कि उसके पिता क्या कहना चाहते हैं। उसने अपने पिता से अपनी सभी बुरी आदतों को छोड़ने और अपने पिता को उस पर गर्व महसूस कराने का वादा किया।

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Moral: बुरी संगत से अकेलापन बेहतर है।

सोने का चूहा | Hindi story with Moral |

Moral story in hindi

Hindi morals story : Golden mouse – सोने का चूहा | Hindi moral stories

सोने का चूहा | Hindi story with Moral|

एक बार एक अमीर व्यापारी अपने आलसी बेटे को डांट रहा था। मैंने तुम्हे व्यवसाय शुरू करने के लिए इतना पैसा दिया है और तुमने कुछ भी नहीं कमाया है।तुम किसी भी काम में अच्छे नही हो | इस मरे हुए चूहे को देखो। एक काबिल व्यक्ति इस तरह की बेकार चीज से भी व्यवसाय शुरू कर सकता है!
सोमदत्त, जो एक गरीब अनाथ बालक था, ने उसकी बातें सुनीं। वह अंदर गया और व्यापारी से अनुरोध किया,

“कृपया मुझे इस चूहे को पूंजी के रूप में उधार दें और मैं अपनी किस्मत आजमाउंगा।

“व्यापारी हँसा। लेकिन फिर भी, उसने सोमदत्त को चूहा दिया और रसीद ली जो सोमदत्त ने उसे लिखी थी।

मरे चूहे को सोने का चूहा बनाने का सफ़र ( Hindi story )

सोमदत्त अपने हाथ में मरे हुए चूहे के साथ चल रहा था, जब एक और दुकानदार ने उसे बुलाया, “यहाँ आओ, लड़के। मुझे अपनी बिल्ली को खिलाने के लिए चूहे की जरूरत है। मैं आपको इसके लिए मुट्ठी भर चना दूंगा।”

सोमदत्त ने चूहा दे दिया और मुट्ठी भर चना ले लिया ।”घर पर सोमदत्त ने चने को अच्छे से भून लिया। और वह पानी का घड़ा लेकर अपने चने और पानी लेकर चौराहे पर खड़ा हो गया। उसने काफी देर तक ग्राहंक का इंतजार किया।

शाम को जब मजदूर लकड़ी काट कर लौट रहे थे तो उन्होंने बालक को भुने चने और पानी के साथ देखा। सोमदत्त ने विनम्रता से उन्हें चना और पानी दिया।मजदूर बोले लेकिन हमारे पास पैसा नहीं है। हम केवल लकड़ी की दो छड़ें ही दे सकते हैं!”( बिल्ली की कहानी )

चूहे की कहानी

चने से किया लकड़ी का व्यापार

सोमदत्त ने सोचा इस साधारण चने के लिए यह एक अच्छा भुगतान है। सोमदत्त ने प्रत्येक मजदूर से दो-दो डंडे लेकर लकड़ियों की एक छोटी सी गठरी इकट्ठी की। वह बंडल को बाजार में ले गया, उसे बेच दिया और उसके साथ कुछ और चना खरीदा।सोमदत्त ऐसा प्रतिदिन करता था। वह मजदूरों के बीच एक अच्छे लड़के के रूप में प्रसिद्ध हो गया, जो सिर्फ एक-दो लकड़ी के लिए स्वादिष्ट चना और ताज़ा पानी देता है ।

उनमें से बहुत से लोग जंगल से लौटते समय प्रतिदिन उसका चना खरीदने लगे। सोमेदत्त को हर दिन लकडियो के कई बंडल मिलते थे। क्योंकि अब उसके पास इतने सारे ग्राहक थे |

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एक बार, जब सोमदत्त बाजार में लाठी बेच रहा था, तो उसकी मुलाकात एक कुम्हार से हुई। कुम्हार को अपनी भट्टी में जलाने के लिए लकड़ी की जरूरत थी। कुम्हार ने लकड़ी के बदले में, सोमदत्त को उसके चने बेचने के लिए बर्तन और पानी के लिए कुछ घड़े दिए। ( हाथी की कहानी )

अपनी दुकान की शुरुआत (Moral story in Hindi)

सोमदत्त ने एक भी पैसा बर्बाद नहीं किया। उसने सुबह लकड़ी और शाम को चना बेचने के लिए कड़ी मेहनत की। एक दिन, उसके पास इतना पैसा आ गया कि वह मजदूरों से सारी लकड़ी खरीद सके। उसने उन लकडियो को बाजार में अच्छी कीमत पर बेच दिया। कुछ समय बाद उसने बाजार में अपनी दुकान भी खोल ली।

चिड़िया की 2 अनमोल बातें – क्लीक करें

वह अपने ग्राहकों के प्रति हमेशा विनम्र रहता था । उनमें से कुछ ने उसे नकद भुगतान किया जबकि अन्य ग्राहकों ने उसे तरह का भुगतान किया कि जो भी वस्तुएँ उनके पास होती थी वे उन्हें लकड़ी खरदीने के बदले में दे देते थे।

सोमदत्त ने हमेशा उन लोगों को वस्तुएँ बेचने का कोई न कोई तरीका ढूंढा जिन्हें उनकी आवश्यकता थी।कुछ वर्षों के बाद, सोमदत्त शहर में एक धनी व्यापारी बन गया। एक दिन उसने सुनार से उसे एक छोटा सुनहरा चूहा बनाने को कहा।

सोने का चूहा (चूहे की कहानी )

वह उस चूहे को अमीर व्यापारी के पास ले गया।मैंने तुमसे कई साल पहले पूंजी के तौर पर एक मरा हुआ चूहा उधार लिया था। आज मैं उसे लौटाने आया हूँ। कृपया इस सुनहरे चूहे को स्वीकार करें|धनी व्यापारी को बड़ा आश्चर्य हुआ।वह सोमदत्त के व्यावसायिक कौशल से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें अपनी बेटी की शादी सोमदत्त से कर दी । अच्छाई का इनाम | Hindi Moral story |

इस प्रकार सोमदत्त जो एक गरीब अनाथ लड़का था, उसने अपनी बुद्धि, कड़ी मेहनत और विनम्रता के कारण धन और सम्मान अर्जित किया।


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चिड़िया की 2 अनमोल बातें | Hindi Moral Story

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चिड़िया की 2 अनमोल बातें | Hindi Moral Story: चिड़िया की कही 2 अनमोल बातें | Hindi story for kids |

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प्रेरणादायक हिन्दी कहानी |

एक बार एक अमीर आदमी ने एक चिड़िया को पकड़कर पिंजरे में डाल दिया।कोई भी पक्षी पिंजरे में बंद रहना पसंद नहीं करता है ऐसे ही चिड़िया को भी पिंजरे में रहना अच्छा नही लग रहा था ।

चिड़िया उस आदमी से प्राथना करने लगी,”कृपया मुझे आज़ाद करें।

(तोते की कहानी )

अगर आप मुझे जाने देंगे, तो मैं आपको खुशी का राज बताउंगी ।आदमी अमीर था लेकिन खुश नहीं था।

वह खुशी का राज जानना चाहता था। इसलिए उसने चिड़िया को पिंजरे से आज़ाद कर दिया।

चिड़िया की कही 2 अनमोल बातें | Hindi Moral story

“चिड़िया ने कहा, सुनो, जो चीज़ चली गई उसपर कभी मत रोना । और बेकार की बातों पर कभी भरोसा मत करना”।”यही खुशी का रहस्य है |”


आदमी को यह बात कुछ खास नही लगी । वह बोला , “यह सिर्फ एक बेकार सी साधारण सलाह है!”
चिड़िया ने थोड़ा और ऊपर उड़ान भरी और कहा, “तुमने मुझे आज़ाद करके बड़ी गलती की है । मेरे पंखों के नीचे कीमती हीरे हैं। अब आपको उनमें से कोई भी नहीं मिलेगा |”

यह बात सुन कर अमीर आदमी बहुत गुस्सा और दुखी हुआ। आदमी बोला , “अरे नहीं! मैं कितना मूर्ख हूँ! ( बिल्ली की कहानी )

तुम दुष्ट पक्षी ! रुको मे तुम्हे फिर से पकड़ लूँगा ।” वह दुःख करने लगा।
चिडिया ने कहा।”मूर्ख मत बनो महाराज”। “तुम अच्छे आदमी हो जो तुमने मुझे जाने दिया । इसलिए मैंने आपको एक अच्छी सलाह दी।जो सलाह मैंने तुम्हे दी थी उसके बारे में सोचो।

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चिड़िया की अनमोल बातें | चिड़िया की कहानी |

पहली बात में मैंने कहा था कि गयी हुई चीज़ पर रोना मत।मैं तुम से पहले से ही बहुत दूर हूँ । तुम मुझे फिर से पकड़ नहीं सकते हो । तो अपने आप को इसके बारे में दुखी क्यों करें?

दूसरी बात , यह है कि मेरे जैसे एक साधारण पक्षी के पंखों के नीचे हीरे कैसे हो सकते हैं?

” वे मेरे बेकार शब्द थे”। ऐसे शब्दों पर भरोसा करना एक गलती है!

मेरी दी हुई सलाह का प्रयोग करें और खुश रहें । अलविदा

ये कहते हुए चिड़िया उड़ गयी | ( सोने का चूहा हिन्दी कहानी )

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“नदी और पहाड़।” प्रेंरादायक हिंदी कहानी |

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प्रेंरादायक हिंदी कहानी , “नदी और पहाड़।”- Inspirational Hindi Story for kids


एक बार नदी ने मन में सोचा “क्या मैं अपनी पूरी जिंदगी इसी तरह बहती रहूंगी”? क्या मुझे कुछ दिन का आराम नहीं मिल सकता है?

उसै एक सलाह चाहिए थी तो उसे पहाड़ के सामने अपने विचार रखे, उसकी बात सुनकर पहाड़ बहुत जोर से हंसा और बोला, बहन नदी जरा मुझे देखो “मैं कितने सालो से एक ही जगह पर खड़ा हूं |”

नदी और पहाड़ की कहानी | hindi story फॉर kids
नदी और पहाड़ की कहानी |

नदी बोली तुम बहुत मजबुत और एक ही जगह पर स्थिर हो तो तुम एक ही जगह खड़े रहकर कैसे थक सकते हो |

मुझे देखो में हमेशा बहती रहती है। मुझे तो एक भी मिनट आराम करने का वक्त नहीं मिलता है। मैं बहुत थक जाती हूं।

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पहाड़ ने नदी को समझाया | ( प्रेंरादायक हिंदी कहानी | )

पहाड़ फिर से हँसा और बोला, ऐसा तुम्हें लगता है की मैं नहीं थकता हूं लेकिन एक जगह पर खड़े रहकर मैं बहुत ठक जाता हूँ |पहाड़ बोला, ” मैं हर रोज यही पेड़, यही आसमान देख कर थक गया हूँ ” |

(नदी और पहाड़ की कहानी- inspirational Hindi story )

“मेरा भी मन करता है की मैं तुम्हारी तरह बहता रहूँ , एक जगह से दसरी जग जाऊं , नए नए गाँवो में , नए जंगलो में जाऊं,” मैं भी खुलकर जीना चाहता हूं तुम्हारी तरह सब मुझे भी प्यार दें |

नदी बीच में ही बोली, बहुत अजीब बात है तुम्हारी जिंदगी तो बहुत आरामदयाक और खुशाल है तब भी तुम खुश नहीं हो|पहाड़ मुस्कुरा कर बोला, बहन ये सब तुम्हें समझ नहीं आएगा देखो , “तुम सब के द्वारा पूजा जाती हो, तुम दुसरो के लिए बहती हो। और इतना ही नहीं जो कुछ बचाता है वो तुम समुद्र को अर्पित कर देती हो “|


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ये सुनकर नदी खुश हो जाती है और पूरे जोश के साथ पहाड़ से कहती है ,तुम बिलकुल सही कह रहे हो पहाड़ भाई |”मेरी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण उदेश्य दुसरो को जीवन देना हैमुझे ये बात समझाने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। और खुशी खुशी तेज आवाज करती हुई बहने लगती है।

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