बिल्ली की कहानी – हिन्दी कहानियां

Hindi story

बिल्ली की कहानी – Hindi story | छोटे बच्चो के लिए दिलचस्प बिल्ली की कहानी केसे बिल्ली जंगल छोड़ कर हमारे साथ रहती है | यह हिन्दी story छोटे बच्चो के लिए बनाई गयी है आपको पसंद आये तो निचे कमेन्ट ज़रूर करें | साथ ही इस website पर आपको ढेर सारी बच्चो की कहानी पोएम सब मिल जाएँगी | चलिए कहानी शरू करते हैं –

बिल्ली की कहानी -हिन्दी कहानी

बहुत समय पहले की बात है | किसी जंगल में एक बिल्ली अपने भाई चीते (टाइगर ) के साथ रहती थी उसका भाई जंगल का राजा था बिल्ली को यह बात बहुत अच्छी लगती थी के उसका भाई जंगल का राजा है वह सबका ख्याल रखेगा सबको खुश रखेगा |

लेकिन असल में ऐसा नही था टाइगर को बस अपने दोस्तों की परवाह थी वह अपनी बहन का भी ख्याल नही रखता था वह मजे से अपना शिकार करता और बचा हुआ खाना अपने दोस्तों में बाँट देता था | उसके दोस्त सियार और लोमड उसके साथ मजे से रहते थे | बेचारी बिल्ली को कुछ भी खाने को नही मिलता था | टाइगर को अपने दोस्त पसंद थे वो हमेशा उनके साथ रहता था |

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बिल्ली बिचारी चूहे , मेंडक , आदि खा कर अपना पेट भरती थी | उसने काफी बार अपने भाई को समझाना चाहा लेकिन उसका भाई टाइगर उसकी नही सुनता था | टाइगर हमेशा गुस्से में रहता था उसकी बहन जब भी उससे कुछ कहना चाहती वो उसको डांट कर भगा देता था |

एक बार टाइगर की तबियत खराब हो गयी | उसके दोस्त उसका हाल पूछने उसके पास आये टाइगर ने अपनी बहन बिल्ली से बोला मेरे दोस्त आये हैं इनके लिए कुछ खाने के लिए लाओ | बिल्ली के पास तो खुद कुछ खाने के लिए नही होता था उसने टाइगर से बोला घर में तो कुछ है ही नही में कहाँ से कुछ लाऊं |

यह सुनकर टाइगर को गुस्सा आ गया वो बिल्ली को डांटते हुए बोला जंगल के बाहर लोगो का घर है तुम वहां से कुछ लेकर आओ | बिल्ली लोगो के घर की तरफ चल पड़ी | उसको गुस्सा आ रहा था उसका भाई उसको डांटता है और खाने के लिए भी कुछ नही देता है |

Billi ki kahani | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

रास्ते में उसे बच्चे मिले उन्होंने बिल्ली को पकड़ लिया | बच्चो को बिल्ली बहुत अच्छी लगी वह उसको दुलारने पुचकारने लगे | बिल्ली भी बच्चो के साथ बहुत अच्छा महसूस कर रही थी उसको इतना प्यार जो मिल रहा था |

इस खेल और प्यार में बिल्ली की टाइगर की बात भूल गयी | टाइगर बिल्ली की इंतज़ार कर रहा था जब बहुत देर हो गयी टाइगर को बहुत गुस्सा आया उसने दहाड़ते हुए जोर से आवाज़ की बिल्ली को अपने भाई टाइगर की आवाज़ आई वो भाग कर अपने भाई के पास सामान लेकर पहुंची |

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टाइगर को बिल्ली पर बहुत गुस्सा आया क्यूंकि उसके दोस्त चले गये थे उसने बिल्ली को गुस्से में बहुत डांटा और ऐसे पंजा ऊपर किया जेसे वो बिल्ली को मार देगा | बिल्ली जान बचा कर वहां से भाग गयी और जंगल के बाहर लोगो के घर में रहने लगी |

वहां बच्चे उसको बहुत प्यार करते थे | उसके लिए दूध रोटी लाते थे | बिल्ली को वहां बहुत प्यार मिल रहा था बिल्ली ने तय कर लिया अब वह जंगल नही जाएगी | तब से वह हमारे साथ हमारे घरो में रहने लगी | इसलिए वह जंगल में नही रहती हैं |

Billi ki kahani

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बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

एक भेड़िये ने गाँव में कबूतरों के बाड़े के पास नीचे खुदाई करके अपने लिए रास्ता बना रखा था | वह रोज़ रात को चोरी से कबूतरों के बाड़े में जाता और कबूतर खाकर अपना पेट भरकर वापस आ जाता |उसकी इस हरकत के बारे में किसी को पता नहीं चलता था | बाड़े में बहुत सारे कबूतर थे इसलिए किसान को उसकी हरकत के बारे में पता ही नहीं चला|
एक दिन भेड़िया कबूतर खा कर बाहर आ रहा था कि उसे बिल्ली ने देख लिया | बिल्ली ने पूछा तुम कहाँ से आ रहे हो ? भेड़िया बोला – “मैं तो दावत उड़ा कर आ रहा हूँ | तुम भी दावत उड़ाना चाहती हो तो मेरे साथ आ सकती हो | अन्दर बहुत ही स्वादिष्ट कबूतर हैं |”

बिल्ली घर में क्योँ रहती हैं – बिल्ली की कहानी बच्चो के लिए

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |
बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

भेड़िये की बात बिल्ली को अच्छी लगी | उसके मुंह में पानी आ गया | अलगे दिन वह भी भेड़िये के साथ चल पड़ी | बिल्ली थोड़ी समझदार थी वह भेड़िये से बोली -“इंसान बहुत चालाक होते हैं , इसलिए इनसे सावधान रहना |”
भेड़िया शेखी भंगारते हुए बोला -” अरे ! मैं तो बहुत दिनों से यहाँ कबूतर खाने आता हूँ | किसी को खबर तक नहीं हुई , तुम चिंता मत करो |”

फँस गये बिल्ली और भेड़िया ( Hindi cat story for kids )

भेड़िये और बिल्ली ने कुछ दिन तो मज़े उड़ा लिए , लेकिन एक दिन किसान को उनके बारे में पता चल ही गया |
किसान ने अपने नौकरों से कह कर एक गहरा गड्ढा खुदवाया और उसे पत्तो से ढक दिया | अगले दिन जब भेड़िया और बिल्ली आए ,तो वो दोनों उस गड्ढे में धडाम से जा गिरे |

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भेड़िया बोला , “तुम सही कह रही थी , हमे सावधान रहना चाहिए था | तुम समझदार हो | अब तुम ही यहाँ से बाहर निकलने का तरीका बताओ |”
बिल्ली बोली – “हमे मरने का झूठा नाटक करना पड़ेगा |

तभी हम इस गड्ढे से बाहर निकल सकते हैं | किसान और उसके नौकर हम पर लाठियां बरसा सकते हैं , लेकिन हमें दर्द सहना पड़ेगा और हमें बिल्कुल भी हिलना नहीं हैं |जब उन्हें यकीन हो जायगा कि हम मर गए हैं तो वो हमे खुद ही बाहर फेंक देंगे |”

बिल्ली की कहानी


भेड़िये को बिल्ली की बात सही लगी | जब किसान और उसके नौकर भेड़िये और बिल्ली को देखने आये तो वो दोनों मरने का नाटक कर के लेट गए | किसान उन दोनों को हिला-डुलाकर देखने लगा ,लेकिन वो दोनों बिलकुल नहीं हिले | तब किसान को यकीन हो गया कि वो दोनों मर गए हैं |

उसने अपने नौकरों से कहा कि इन् दोनों को गड्ढे से निकालकर बहार फेंक दो |
उन्होंने दोनों को गड्ढे से निकाला और बाहर फेंक दिया | इस तरह दोनों की जान बच गयी | उस दिन के बाद से भेड़िया और बिल्ली कबूतरों के बाड़े के आस-पास भी नहीं दिखे|

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बारासिंघा की चालाकी | Hindi story for kids |

बारासिंघा की चालाकी | Hindi story for kids |

बारासिंघा की चालाकी | Hindi story for kids |

एक जंगल था जिसमे में एक बारहसिंघा रहता था | उसका नाम था हीरक | वह भोजन की तलाश में इधर उधर भटक रहा था |तभी उसे एक ऐसा पेड़ दिखाई दिया , जिस पर बहुत मीठे फल लगे थे | उसने पेड़ से पके फल गिरने का इंतज़ार किया और गिरने पर उन्हें बड़े स्वाद से खाया | फिर वह हर रोज़ वहां फल खाने आने लगा | उस पेड़ पर लगने वाले फलों का स्वाद सबसे अलग था |

एक शिकारी ने देखा कि एक हिरन पेड़ से गिरे फल खाने रोज़ आता है | उसने वहीँ रस्सी का एक फंदा बनाया और उसे पेड़ से लटका दिया | उसने सोचा कि जेसे ही बारहसिंघा फल खाने आयगा , उसका पैर रस्सी में फंसेगा और वह उसे कास देगा | वह उस दिन पेड़ पर छिपकर बारहसिंघा का इंतज़ार करने लगा |

बारासिंघा की चालाकी | Hindi story for kids |
बारासिंघा की चालाकी | Hindi story for kids |

बारहसिंघा अपने मनपसंद फल खाने आया | उसने आसपास देखा, हवा को सुंघा और जांचा – परखा | उसे रस्सी और शिकारी तो नहीं दिखे पर वह पेड़ के नीचे गिरे फलों को देख क्र हैरान था | वहां बहुत से फल गिरे हुए थे लेकिन अभी तक किसी ने भी उन्हें खाया नहीं था | वहां कोई पक्षी या गिलहरी भी नहीं दिखाई दे रहे थे | यह हैरानी की बात थी , क्योंकि जब किसी पेड़ से फल गिरते हैं , तो उन्हें खाने के लिए बहुत से जीव आसपास आ जाते हैं , लेकिन यहाँ तो सारे फल ज्यों के त्यों गिरे हुए दिखाई दे रहे थे |

उसने सोचा कि हो न हो ‘यहाँ दाल में कुछ काला है |’

हीरक वहीँ खड़ा हो कर इंतज़ार करने लगा | तभी पेड़ से एक फल टूट कर उसकी और आ गया | असल में पेड़ पर बैठे शिकारी का धीरज टूट रहा था | उसने तय किया कि वह फल दिखाकर बारहसिंघा को ललचाएगा ताकि बारहसिंघा आगे आये और पकड़ा जाए | लेकिन बारहसिंघा भी कुछ कम चालाक नहीं था | वह जानता था कि पेड़ अपने फलों को यहाँ – वहां नहीं उछालते | फल तो सीधा ज़मीन पर ही गिरते हैं | वह जान गया कि हो ना हो उस पेड़ के आसपास ही कहीं कोई शिकारी जाल बिछाए बैठा है |

हीरक ने बड़ी सावधानी से पेड़ के आसपास देखा , उसे शाखाओं में छिपा शिकारी दिखाई दे गया | ‘अब समझ आया कि वह फल उछल कर मेरे पास क्यों आया था ?’ उसने सोचा |

हीरक भी मस्ती के मूड में आ गया | वह उस शिकारी को छकाने लगा | हीरक शिकारी को सबक सिखाना चाहता था कि इन्सान ही समझदार होते है बल्कि जानवर भी बहुत चालाक है | असल में , कोई भी शिकार बनता ही तब है, जब वह असावधान रहता है , अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करता | हीरक इस तरह दिखावा करने लगा मानो पेड़ से बातें कर रहा हो | उसने कहा , ”प्यारे पेड़! तुमने मेरी और फल उछाल दिया |तुम सच में कितने दयालु हो|| परन्तु मैं जनता हु की फल तो सीधा धरती पर गिरते हैं |तुमने अपनी आदतें बदल ली हैं इसलिए मुझे लग रहा है की मुझे भी अपनी आदतें बदल लेनी चाहिए| मैं किसी और पेड को ढूंढ लूँगा| अलविदा!” इतना कह कर हीरक वहां से जाने लगा|

यह सुन कर शिकारी को इतना गुस्सा आया की वह चिल्ला कर बोला ,”मैं तुम्हे एक दिन पकड़ लूँगा |देखता हूँ ,तुम कितने चतुर हो| मेरे पास भी तुम जैसे जानवरों को पकड़कर मारने के सौ उपाय हैं| एक उपाय कामयाब नहीं हुआ तो इसका मतलब यह नहीं है ली मैं तुम्हे पकड़ नहीं सकता | में तुमसे लाख गुना चतुर हूँ |”

हीरक वापस जाते जाते हंसा और बोला ,”मैंने तेरी चतुराई देख ली |लगता है की मासूम जानवरों को मार कर ही अपने आप को तू चतुर कह सकता है| एक साथ मिल जुलकर रहने के लिए अधिक बुद्धिमानी की आवशयकता होती है|दोस्त, अभी तुम इंसानों के लिए यह सीखना बाकी है!”इतना कह कर हीरक झट से घने वन में ओझल हो गया और बेचारा शिकारी हाथ ही मलता रह गया |हीरक ने उसे बता दिया था की मनुष्य ही नहीं ,पशु पक्षी भी अक्लमंद होते हैं |

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चिड़िया की 2 अनमोल बातें | Hindi Moral Story

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चिड़िया की 2 अनमोल बातें | Hindi Moral Story: चिड़िया की कही 2 अनमोल बातें | Hindi story for kids |

Hindi Moral story for kids
Hindi Moral story for kids

प्रेरणादायक हिन्दी कहानी |

एक बार एक अमीर आदमी ने एक चिड़िया को पकड़कर पिंजरे में डाल दिया।कोई भी पक्षी पिंजरे में बंद रहना पसंद नहीं करता है ऐसे ही चिड़िया को भी पिंजरे में रहना अच्छा नही लग रहा था ।

चिड़िया उस आदमी से प्राथना करने लगी,”कृपया मुझे आज़ाद करें।

(तोते की कहानी )

अगर आप मुझे जाने देंगे, तो मैं आपको खुशी का राज बताउंगी ।आदमी अमीर था लेकिन खुश नहीं था।

वह खुशी का राज जानना चाहता था। इसलिए उसने चिड़िया को पिंजरे से आज़ाद कर दिया।

चिड़िया की कही 2 अनमोल बातें | Hindi Moral story

“चिड़िया ने कहा, सुनो, जो चीज़ चली गई उसपर कभी मत रोना । और बेकार की बातों पर कभी भरोसा मत करना”।”यही खुशी का रहस्य है |”


आदमी को यह बात कुछ खास नही लगी । वह बोला , “यह सिर्फ एक बेकार सी साधारण सलाह है!”
चिड़िया ने थोड़ा और ऊपर उड़ान भरी और कहा, “तुमने मुझे आज़ाद करके बड़ी गलती की है । मेरे पंखों के नीचे कीमती हीरे हैं। अब आपको उनमें से कोई भी नहीं मिलेगा |”

यह बात सुन कर अमीर आदमी बहुत गुस्सा और दुखी हुआ। आदमी बोला , “अरे नहीं! मैं कितना मूर्ख हूँ! ( बिल्ली की कहानी )

तुम दुष्ट पक्षी ! रुको मे तुम्हे फिर से पकड़ लूँगा ।” वह दुःख करने लगा।
चिडिया ने कहा।”मूर्ख मत बनो महाराज”। “तुम अच्छे आदमी हो जो तुमने मुझे जाने दिया । इसलिए मैंने आपको एक अच्छी सलाह दी।जो सलाह मैंने तुम्हे दी थी उसके बारे में सोचो।

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चिड़िया की अनमोल बातें | चिड़िया की कहानी |

पहली बात में मैंने कहा था कि गयी हुई चीज़ पर रोना मत।मैं तुम से पहले से ही बहुत दूर हूँ । तुम मुझे फिर से पकड़ नहीं सकते हो । तो अपने आप को इसके बारे में दुखी क्यों करें?

दूसरी बात , यह है कि मेरे जैसे एक साधारण पक्षी के पंखों के नीचे हीरे कैसे हो सकते हैं?

” वे मेरे बेकार शब्द थे”। ऐसे शब्दों पर भरोसा करना एक गलती है!

मेरी दी हुई सलाह का प्रयोग करें और खुश रहें । अलविदा

ये कहते हुए चिड़िया उड़ गयी | ( सोने का चूहा हिन्दी कहानी )

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“नदी और पहाड़।” प्रेंरादायक हिंदी कहानी |

नदी-और-पहाड़-की-कहानी

प्रेंरादायक हिंदी कहानी , “नदी और पहाड़।”- Inspirational Hindi Story for kids


एक बार नदी ने मन में सोचा “क्या मैं अपनी पूरी जिंदगी इसी तरह बहती रहूंगी”? क्या मुझे कुछ दिन का आराम नहीं मिल सकता है?

उसै एक सलाह चाहिए थी तो उसे पहाड़ के सामने अपने विचार रखे, उसकी बात सुनकर पहाड़ बहुत जोर से हंसा और बोला, बहन नदी जरा मुझे देखो “मैं कितने सालो से एक ही जगह पर खड़ा हूं |”

नदी और पहाड़ की कहानी | hindi story फॉर kids
नदी और पहाड़ की कहानी |

नदी बोली तुम बहुत मजबुत और एक ही जगह पर स्थिर हो तो तुम एक ही जगह खड़े रहकर कैसे थक सकते हो |

मुझे देखो में हमेशा बहती रहती है। मुझे तो एक भी मिनट आराम करने का वक्त नहीं मिलता है। मैं बहुत थक जाती हूं।

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पहाड़ ने नदी को समझाया | ( प्रेंरादायक हिंदी कहानी | )

पहाड़ फिर से हँसा और बोला, ऐसा तुम्हें लगता है की मैं नहीं थकता हूं लेकिन एक जगह पर खड़े रहकर मैं बहुत ठक जाता हूँ |पहाड़ बोला, ” मैं हर रोज यही पेड़, यही आसमान देख कर थक गया हूँ ” |

(नदी और पहाड़ की कहानी- inspirational Hindi story )

“मेरा भी मन करता है की मैं तुम्हारी तरह बहता रहूँ , एक जगह से दसरी जग जाऊं , नए नए गाँवो में , नए जंगलो में जाऊं,” मैं भी खुलकर जीना चाहता हूं तुम्हारी तरह सब मुझे भी प्यार दें |

नदी बीच में ही बोली, बहुत अजीब बात है तुम्हारी जिंदगी तो बहुत आरामदयाक और खुशाल है तब भी तुम खुश नहीं हो|पहाड़ मुस्कुरा कर बोला, बहन ये सब तुम्हें समझ नहीं आएगा देखो , “तुम सब के द्वारा पूजा जाती हो, तुम दुसरो के लिए बहती हो। और इतना ही नहीं जो कुछ बचाता है वो तुम समुद्र को अर्पित कर देती हो “|


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ये सुनकर नदी खुश हो जाती है और पूरे जोश के साथ पहाड़ से कहती है ,तुम बिलकुल सही कह रहे हो पहाड़ भाई |”मेरी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण उदेश्य दुसरो को जीवन देना हैमुझे ये बात समझाने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। और खुशी खुशी तेज आवाज करती हुई बहने लगती है।

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ऊंट और सियार की कहानी | Hindi story for kids|

Hindi story for kids

ऊंट और सियार की कहानी | Hindi story for kids: जेसे को तेसा |

एक बार नदी के किनारे एक ऊँट और एक सियार पानी के किनारे रहते थे। और नदी के उस पार खेत और खेत वाला एक गाँव था।

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सियार को सूझी मस्ती | (Hindi story for kids)

सियार बहुत चालाक था। उसे अपने दोस्त ऊंट से मस्ती करने की सूझी । ऊंट खुशी-खुशी अपना खाना चबा रहा था। सियार ऊंट को किसान के खेत में खड़े गन्ने खाने के लिए लुभाने लगा।

पहले तो ऊंट हिचकिचाया लेकिन अंत में वह सियार के साथ किसान के गन्ने के खेत पर जाकर गन्ने खाने के के लिए तैयार हो गया।

ऊंट और सियार की कहानी | Hindi Story for kids |
ऊंट और सियार की कहानी

सियार ऊंट की पीठ पर बैठ गया और दोनों दोस्त नदी पार कर किसान के खेत में चले गये । दोनों दोस्तों ने गन्ने के खेत में भर पेट गन्ना खा लिया। ( हाथी की कहानी )

ऊंट की हुई पिटाई | (ऊंट और सियार की कहानी)

अचानक, सियार चिल्लाने लगा, “शह्ह ने ऊंट ने कहा। “चुप हो जाओ नही तो किसान जाग जायेगा ।”

लेकिन सियार चिल्लाता रहा। किसान और उसके साथी दौड़ते हुए खेत में आए।

नटखट सियार खेत में छुप गया लेकिन बेचारा ऊंट लम्बा होने के कारण ऐसा नहीं कर सका। किसान ने उसे पीटा और भगा दिया। सियार नदी के किनारे ऊँट का इंतज़ार कर रहा था। उसने कहा, “क्षमा करें भाई। लेकिन मुझे रात के खाने के बाद गाने की आदत है। मुझे आशा है कि आपने इसे ज्यादा बुरा नहीं माना”।

ऊंट ने सिखाया सियार को सबक ( बच्चो के लिए हिंदी कहानियाँ)

ऊंट ने कुछ नहीं कहा। उसने सियार को अपनी पीठ पर बिठाकर नदी में प्रवेश किया। नदी के बीचों-बीच पानी बहुत गहरा था। वहाँ ऊंट नदी में डुबकी लगाने लगा। सियार डर गया।

“तुम क्या कर रहे हो, मूर्ख साथी। क्या तुम मुझे डुबोने की कोशिश कर रहे हो?”ऊंट ने कहा “नहीं, भाई,”।

“बस इतना है कि मुझे अच्छे भोजन के बाद नदी में डुबकी लगाने की आदत है। ( बिल्ली की कहानी )

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मुझे आशा है कि आप बुरा नहीं मानेंगे”शरारती सियार ने सबक सीख लिया । उसने फिर कभी ऊंट को परेशान नहीं किया।

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Hathi ki kahani- short Hindi story for kids

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दोस्त की तलाश (Hathi ki kahani)

एक दिन एक हाथी दोस्तों की तलाश में जंगल में घुस जाता है। हाथी एक पेड़ पर एक बंदर को देखता है | हाथी ने बन्दर से पूछा ,” क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?”

बंदर ने जवाब दिया, तुम बहुत बड़े हो, तुम मेरी तरह पेड़ों पर झूल नहीं सकते हो ।

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अगले दिन हाथी एक खरगोश से मिला, हाथी ने खरगोश से पूछा ,” क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?”

खरगोश ने जवाब दिया तुम बहुत बडे हो तुम मेरे बिल में नही आ सकते हो जिसकी वजह से हम खेल नही सकते हैं |

फिर हाथी की मुलाकात मेंडक से हुई | हाथी ने मेंडक से कहा प्लीज मुझसे दोस्ती कर लो ,

मेंडक ने जवाब दिया,” यह असंभव है तुम बहुत बडे हो और मेरी तरह उछल कूद भी नही कर सकते हो “|इसलिए हम दोस्त नही बन सकते हैं |

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इसी तरह सभी जानवरों ने हाथी से दोस्ती के लिए मना कर दिया |हाथी दुखी होकर वहां से चला गया |

हाथी ने की मदद (Hindi story for kids)

अगले दिन हाथी ने देखा सभी जानवर डरते हुए जान बचा कर भाग रहे हैं | हाथी ने पूछा क्या बात है तुम लोग इतने डरे हुए क्योँ हो और कहा भाग रहे हो |

खरगोश बोला जंगल में शेर आ गया है और वो अपना शिकार ढूंड रहा है वह हमे खा जायेगा इसलिए हम छुपने के लिए कही सुरक्षित जगह भाग रहे हैं |

हाथी ने कहा तुम लोग डरो मत में शेर से बात करके आता हूँ | हाथी शेर के पास जाकर बोला मोहदय, “आप इन मासूम जानवरों को क्योँ खाना चाहते हो” ?

शेर बोला,” तुम्हे इस से क्या मतलब तुम अपने काम से काम रखो और चुप चाप यह से चले जाओ “

बुद्धिमान हाथी की कहानी- Hindi Story For Kids

हाथी को गुस्सा आ गया उसने शेर के एक लात मारी और शेर उडते हुए दूर दुसरे जंगल में जाकर गिरा |

हाथी और सभी जानवरों की हुई दोस्ती |

जंगल के सभी जानवर खुश हो गये उन्हें हाथी से कहा आप दोस्त बनने के लिए सही आकार के हैं उन्हें समझ आ गया दोस्ती के लिए “आकार, रंग , कद , पैसे जेसी चीजों की ज़रूरत नही होती है” |

सब जानवरों ने जोर से हाथी से कहा क्या आप हमारे दोस्त बनोगे ?

हाथी ने हाँ कर दी और सभी जानवर हाथी के दोस्त बन गये और हँसी ख़ुशी जंगल में रहने लगे |

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