Tenaliram short Hindi Story | राजा के दरबार में पंडित तेनालीरमा कृष्णा नाम का एक कुशल और बुद्धिमान मंत्री था। एक बार दरबार में एक मामला आया कि महाराज के लिए न्याय करना मुश्किल हो गया। इस स्थिति में, तेनालीरमा ने विवेक से काम लिया और राजा की उलझन को हल किया।
ऐसा हुआ कि एक दिन श्यामू नाम का एक व्यक्ति महल में न्याय मांगने आया। राजा ने उससे पूरी बात बताने को कहा जिससे की उसके साथ न्याय किया जा सके। श्यामू ने बताया कि जब वह कल अपने स्वामी के साथ कहीं जा रहा था तो उन्हें रास्ते में एक गठरी मिली जिसमें तीन चमकते हीरे थे।
हीरों का बंटवारा
हीरे को देखकर मैंने कहा कि स्वामी इन हीरों पर राजा का अधिकार है, इसलिए इन्हें राजखजाने में जमा करा देना चाहिए। यह सुनकर, स्वामी आग बबूला हो गए और कहा कि हीरे के बारे में किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। हम इन्हें आधा आधा कर लेंगे। यह सुनकर में भी लालची हो गया और मैं अपने स्वामी के साथ घर को वापस लौट आया।
अपनी हवेली में पहुँचते ही स्वामी ने मुझे हीरे देने से मना कर दिया और अपनी हवेली से भागा दिया। मेरे साथ अन्याय हुआ है महाराज कृपया मेरे साथ न्याय कीजिये।
श्यामू की व्यथा सुनकर, राजा ने तुरंत उसमे मालिक को दरबार में उपस्थित होने का आदेश दिया। श्यामू का स्वामी बहुत दुष्ट व लालची था। जब वह दरबार में आया तो महाराज से बोला कि यह सच है कि हमें हीरे मिले थे, लेकिन मैंने तो सब हीरे श्यामू को राजकोष में जमा करने के लिए दे दिये थे। श्यामू तो बहुत ही लालची आदमी है इसलिए वो आपके पास आ कर झूठ बोल रहा है।
Tenaliram short Hindi Story
महाराज ने कहा कि क्या प्रमाण है कि तुम सच कह रहे हो। श्यामू के मालिक ने कहा कि आप बाकी नौकरों से पूछ सकते हैं, वे सभी वहाँ मौजूद थे। जब राजा ने साथ के तीनों नौकरों से पूछा, तो उन्होंने कहा कि मालिक ने तो हीरों से भरी गठरी श्यामू को दे दी थी, जो अभी श्यामू के पास ही होनी चाहिए।
अब राजा को समझ नहीं आया की कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है। राजा ने बैठक समाप्त करने के आदेश दिये और कहा कि मैंने दोनों पक्षों को सुन लिया है लेकिन हम फैसला कुछ समय बाद सुनाएँगे।
राजा ने अपने सभी मंत्रियों को राजकक्ष में आकार अपनी सलाह देने को कहा। कोई बोला कि श्यामू लालची है वही झूठ बोल रहा है, तो किसी ने कहा कि श्यामू का मालिक झूठा है ओर उसके सभी नौकर उसके साथ मिले हुये हैं। राजा ने तेनालीरमा की ओर देखा जो हमेसा की तरह शांत खड़े थे। राजा ने पूछा कि आप क्या सोचते हैं, तेनालीरामा।
तेनालीरामा ने कहा, “महाराज में समस्या का समाधान करता हूँ बस मुझे आप सभी के सहयोग की आवश्यकता है। राजा यह जानने के बहुत उत्सुक थे की कौन झूठ बोल रहा है। महाराज ने कहा बताओ तेनाली हमें क्या करना पड़ेगा। तेनाली ने कहा की आप सभी लोग पर्दे के पीछे छुप जाइए में अभी दूध का दूध और पानी का पानी कर देता हूँ।
Tenali Rama Short Story In Hindi
राजा इस मामले को जल्द से जल्द हल करना चाहते थे , इसलिए महाराज ने सभी को पर्दे के पीछे छुपने के आदेश दिये और सभी मंत्रियों के साथ खुद भी पर्दे के पीछे छिपने के लिए तैयार हो गए ।
अब राज कक्ष मे सिर्फ तेनाली ही खड़े थे बाँकी के सभी लोग पर्दे के पीछे छुप गए थे। उन्होने अपने नौकर से कहा की वह एक-एक करके तीन नौकरों को मेरे पास भेजे। सेवक पहले नौकर को साथ ले आया।
तेनालीरामा ने उससे पूछा, “क्या तुम्हारे स्वामी ने तुम्हारे सामने श्यामू को गठरी दी थी।” नौकर ने हाँ मे जवाब दिया। अब तेनालीरमा ने उसके सामने एक कागज और एक कलाम रख दी और कहा की उस हीरे का चित्र बनाओ। नौकर घबराकर बोला, “जब मालिक ने श्यामू को हीरे दिए, तो वह लाल गठरी में थे।”
तेनालीरामा ने कहा, “ठीक है तुम अब यही खड़े रहो।” इसके बाद, अगले नौकर को बुलाया गया। तेनालीरमा ने दूसरे नौकर से भी वही पूछा, “तुमने जो हीरे देखे हैं उसका एक चित्र बनाओ। ” नौकर ने कागज लिया और उस पर तीन गोल आकृतियाँ बना दीं।
हीरो का बंटवारा – तेनालीराम हिन्दी कहानी
अब तीसरे नौकर से पूछा गया तो उसने कहा, “मैंने हीरे नहीं देखे लेकिन वो हरी रंग की गठरी में थे।” इतने में महाराजा और बाकी मंत्री पर्दे से बाहर आ गए। उन्हें देखकर तीनों नौकर घबरा गए और समझ गए कि अलग-अलग जवाब देने से सबको समझ आ गया है की वो झूठे हैं।
वह राजा के चरणों में गिर गए और कहा कि उसकी कोई गलती नहीं है, लेकिन स्वामी ने उन्हे झूठ बोलने के लिए कहा था अन्यथा उन्हे मारने की धमकी दी थी।
नौकरों की बात सुनकर महाराज ने सैनिकों को मालिक के घर की तलाशी लेने का आदेश दिया। तीनों हीरे खोज के बाद मालिक के घर पर पाए गए। मालिक कि बेईमानी का दंड उसे मिला। राजा ने आदेश दिया की मालिक श्यामू को 1 हजार स्वर्ण मुद्रा देगा और 10 हजार स्वर्ण मुद्रा राजकोष में जुर्माने के रूप मे भरेगा। इस तरह, श्यामू को तेनालीरमा की बुद्धि से न्याय मिला और वह राजा के दरबार से खुशी-खुशी लौटा।
Tenali Rama Short Story In Hindi से हमने क्या सीखा:
इस कहानी से हमें यह पता चलता है कि अक्सर जैसा हमें दिखाई देता है वैसा नहीं होता है। हमें बस अपनी बुद्धि से काम करने की जरूरत है। 25 फलो के नाम – क्लिक करें
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