तोते की कहानी| Hindi story for kids |

तोते की कहानी Hindi story for kids

तोते की कहानी | गप्पी तोता | Hindi story for kids |

एक बार एक जंगल में एक तोता रहता था जिसका नाम था मिट्ठू । मिट्ठू बात को बढ़ा चड्ढा कर कहने की बुरी आदत थी।
एक दिन मिठू मैना से बोला: पता है तुम्हें, आज मैंने क्या खाया? सच मैं बहुत बढ़िया दावत थी | बहुत सारी मिठाईयां और बहुत सारा खाना | बहुत बड़ी पार्टी थी वो..
मैना बोली : सच में ? कहां पार्टी मिली तुम्हें?
तोता बोला: एक बहुत अमीर आदमी के घर पर, मैंने बताया था ना वो बहुत अच्छा है मुझे महेंगे तोहफे देता है।
तबी वहाँ एक कोवा आया, कोवा बोला: इतना मत फेंको मिट्ठू इस मैना को बेवकूफ मत बनानाओ मैंने तुम्हें सुबह ही सूखी मिर्ची खाते हुए देखा था | तुम इसी पेड़ पर बैठा कर मिर्ची खा रहे थे.

तोते की कहानी  Hindi story for kids
तोते की कहानी | Hindi story for kids |

मिट्ठू तोते की डींगे (hindi story for kids )

मिट्ठू तोता बोला: मेरे पास तुम जैसा के लिए वक्त नहीं है,मझे एक और दावत के लिए जाना है । में चलता हूं कह कर मिट्ठू उड़ गया।
कोवा चिड कर मैना से बोला हुह उसकी बात मत सुनो । वो झूठा है। मैना सर हिलाते हुए हामी भारती है हम्मम्म ब्लैकी तुम सही बोल रहे हो वे झूठा है।
मिट्ठू खुद को नहीं बदला चाहता था | वह दिन पर दिन और गप्प मारने लगा।
जब वे आसमान में उड़ रहा था तब उसे एक गाय दिखाई दी मिट्ठू ने सोचा क्यो न इसे भी अपनी बड़ी बड़ी बातो से बहकाया जाए |

वह गाय के पास जकर बोला , पता है “एक बार मैं चील से भी ऊंचा उड़ा था” , फिर लोमड़ी के पास गया और बोला , शेर मुझे प्रधान मंत्री बनाना चाहता है पर मैंने माना कर दिया | फिर हाथी से जकर बोला मेरे पास बहुत सारा खजाना भरा पड़ा है मैं चाहूँ तो पुरा जंगल खरीद सकता हूं । मोर से बोला, कोयल ने मुझे कहा है की मैं उससे भी मीठा बोलता हूं। ऐसे ही मिट्ठू तोता सभी जनवारो के पास जाता और डींगे मारता था |

( गप्पी तोते की कहानी )

एक दिन एक कबूतर उस जंगल में आया | उस्को देखकर मैना बोली, ओह्ह्ह तुम कितने सुंदर पक्षी हो |

कोन हो तुम ? कबूतर बोला शुक्रिया, मैं कबूतर हूं | मैं कुछ ढूंड रहा हूं | तभी वहां पर कोवा और कोयल भी आ गई | मैना बोली कव्वे भैया ,कोयल, देखो हमारे यहां कोन आया है ।

कितना सुन्दर मेहमान है | है ना ?
कव्वा बोला: कितना प्यारा पक्ष है | कोयल भी बोली कितना सुंदर दिखता है यह ।
कव्वा बोला यह तो शाही पक्षी लगता है|
तबी मिट्ठू भी वहां आ गया | मिठू बोला यह कौन है?

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( Totay ki kahani)

कबूतर बोला: तुम मिट्ठू हो ना?
मिट्ठू चिल्ला कर बोला , हां मैं ही मिट्ठू हूं । मिट्ठू खुश होकर बोला ,क्या तुमने मेरे बारे मैं सुना है?
कबूतर बोला , हां दरअसल ….
मिट्ठू कबूतर को बीच में ही रोक कर बोला: देखा तुम लोगो ने मेरा कितना नाम है | बाहर वालों ने भी मेरे बारे में सुना है।
मिट्ठू फिर से बोला, कबूतर जानते हो मैं बहुत सारे देश घूम चुका हूं।
कबूतर बोला, हां लेकिन…
मिट्ठू फिर से बीच में बोला और मुझे तो ब्यूटी प्राइज भी मिला था।
कबूतर बोला…अच्छी बात है…मेरी बात तो….
मिट्ठू फिर से उसकी बात बीच में ही काटता हुआ बोला, मैं बहुत ही अमीर पक्षी हूँ, मालूम है?
इस जंगल में सबसे अमीर ।

तोते की कहानी | हिन्दी कहानी |

कबूतर बोला, तुम मेरी बात सुनो तो मैं कुछ कहना चाहता हूं | तभी उस पेड के नीचे जहां वे सारे पाक्षी बैठे थे शेर की आवाज आई | शेर गुर्रा कर बोला, ये सही नहीं है। इसके पास पहले से ही सब कुछ है ।
मिट्ठू तोता शेर की बात सुन कर बोला, शेर क्या कहना चाहते हैं।

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कबूतर बोला, यहि मैं तुम कबसे बताने की कोशिश कर रहा हूं। मगर तुम तो डींगे ही मरते जा रहे हैं। वे आगे बोला, मैं शाही नोकर हूँ | शेर राजा का सन्देश लेकर तुम्हारे पास आया था राजा चाहते हैं की तुम उनके महल मैं आओ । तुम्हे खाना, महल मैं रहना सब कुछ मिलेगा | मगर अब राजा ने तुम्हारी बात सुन कर अपना मन बदल लिया है | क्योकी तुम तो पहले ही बहुत अमीर हो ?


मिट्ठू हड़बड़ा कर बोला: पर मेरे पास कुछ नहीं है ।
कबूतर बोला, अब जाने भी दो । ये कहकर वो चला गया।
ये सुनकर कोवा बहुत ज़ोर से हंसा, उसे देखकर बाकी पाक्षी भी हसने लगे।
कौवा बोला , जो डींगे मारते हैं उसके साथ ऐसा ही होता है हाहाहा बहुत अच्छा हंसने लगा।
बेचारा मिट्ठू दुखी होकर वहां से उड़ता हुआ चला गया।

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बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

एक भेड़िये ने गाँव में कबूतरों के बाड़े के पास नीचे खुदाई करके अपने लिए रास्ता बना रखा था | वह रोज़ रात को चोरी से कबूतरों के बाड़े में जाता और कबूतर खाकर अपना पेट भरकर वापस आ जाता |उसकी इस हरकत के बारे में किसी को पता नहीं चलता था | बाड़े में बहुत सारे कबूतर थे इसलिए किसान को उसकी हरकत के बारे में पता ही नहीं चला|
एक दिन भेड़िया कबूतर खा कर बाहर आ रहा था कि उसे बिल्ली ने देख लिया | बिल्ली ने पूछा तुम कहाँ से आ रहे हो ? भेड़िया बोला – “मैं तो दावत उड़ा कर आ रहा हूँ | तुम भी दावत उड़ाना चाहती हो तो मेरे साथ आ सकती हो | अन्दर बहुत ही स्वादिष्ट कबूतर हैं |”

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बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |
बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

भेड़िये की बात बिल्ली को अच्छी लगी | उसके मुंह में पानी आ गया | अलगे दिन वह भी भेड़िये के साथ चल पड़ी | बिल्ली थोड़ी समझदार थी वह भेड़िये से बोली -“इंसान बहुत चालाक होते हैं , इसलिए इनसे सावधान रहना |”
भेड़िया शेखी भंगारते हुए बोला -” अरे ! मैं तो बहुत दिनों से यहाँ कबूतर खाने आता हूँ | किसी को खबर तक नहीं हुई , तुम चिंता मत करो |”

फँस गये बिल्ली और भेड़िया ( Hindi cat story for kids )

भेड़िये और बिल्ली ने कुछ दिन तो मज़े उड़ा लिए , लेकिन एक दिन किसान को उनके बारे में पता चल ही गया |
किसान ने अपने नौकरों से कह कर एक गहरा गड्ढा खुदवाया और उसे पत्तो से ढक दिया | अगले दिन जब भेड़िया और बिल्ली आए ,तो वो दोनों उस गड्ढे में धडाम से जा गिरे |

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भेड़िया बोला , “तुम सही कह रही थी , हमे सावधान रहना चाहिए था | तुम समझदार हो | अब तुम ही यहाँ से बाहर निकलने का तरीका बताओ |”
बिल्ली बोली – “हमे मरने का झूठा नाटक करना पड़ेगा |

तभी हम इस गड्ढे से बाहर निकल सकते हैं | किसान और उसके नौकर हम पर लाठियां बरसा सकते हैं , लेकिन हमें दर्द सहना पड़ेगा और हमें बिल्कुल भी हिलना नहीं हैं |जब उन्हें यकीन हो जायगा कि हम मर गए हैं तो वो हमे खुद ही बाहर फेंक देंगे |”

बिल्ली की कहानी


भेड़िये को बिल्ली की बात सही लगी | जब किसान और उसके नौकर भेड़िये और बिल्ली को देखने आये तो वो दोनों मरने का नाटक कर के लेट गए | किसान उन दोनों को हिला-डुलाकर देखने लगा ,लेकिन वो दोनों बिलकुल नहीं हिले | तब किसान को यकीन हो गया कि वो दोनों मर गए हैं |

उसने अपने नौकरों से कहा कि इन् दोनों को गड्ढे से निकालकर बहार फेंक दो |
उन्होंने दोनों को गड्ढे से निकाला और बाहर फेंक दिया | इस तरह दोनों की जान बच गयी | उस दिन के बाद से भेड़िया और बिल्ली कबूतरों के बाड़े के आस-पास भी नहीं दिखे|

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ऊंट और सियार की कहानी | Hindi story for kids|

Hindi story for kids

ऊंट और सियार की कहानी | Hindi story for kids: जेसे को तेसा |

एक बार नदी के किनारे एक ऊँट और एक सियार पानी के किनारे रहते थे। और नदी के उस पार खेत और खेत वाला एक गाँव था।

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सियार को सूझी मस्ती | (Hindi story for kids)

सियार बहुत चालाक था। उसे अपने दोस्त ऊंट से मस्ती करने की सूझी । ऊंट खुशी-खुशी अपना खाना चबा रहा था। सियार ऊंट को किसान के खेत में खड़े गन्ने खाने के लिए लुभाने लगा।

पहले तो ऊंट हिचकिचाया लेकिन अंत में वह सियार के साथ किसान के गन्ने के खेत पर जाकर गन्ने खाने के के लिए तैयार हो गया।

ऊंट और सियार की कहानी | Hindi Story for kids |
ऊंट और सियार की कहानी

सियार ऊंट की पीठ पर बैठ गया और दोनों दोस्त नदी पार कर किसान के खेत में चले गये । दोनों दोस्तों ने गन्ने के खेत में भर पेट गन्ना खा लिया। ( हाथी की कहानी )

ऊंट की हुई पिटाई | (ऊंट और सियार की कहानी)

अचानक, सियार चिल्लाने लगा, “शह्ह ने ऊंट ने कहा। “चुप हो जाओ नही तो किसान जाग जायेगा ।”

लेकिन सियार चिल्लाता रहा। किसान और उसके साथी दौड़ते हुए खेत में आए।

नटखट सियार खेत में छुप गया लेकिन बेचारा ऊंट लम्बा होने के कारण ऐसा नहीं कर सका। किसान ने उसे पीटा और भगा दिया। सियार नदी के किनारे ऊँट का इंतज़ार कर रहा था। उसने कहा, “क्षमा करें भाई। लेकिन मुझे रात के खाने के बाद गाने की आदत है। मुझे आशा है कि आपने इसे ज्यादा बुरा नहीं माना”।

ऊंट ने सिखाया सियार को सबक ( बच्चो के लिए हिंदी कहानियाँ)

ऊंट ने कुछ नहीं कहा। उसने सियार को अपनी पीठ पर बिठाकर नदी में प्रवेश किया। नदी के बीचों-बीच पानी बहुत गहरा था। वहाँ ऊंट नदी में डुबकी लगाने लगा। सियार डर गया।

“तुम क्या कर रहे हो, मूर्ख साथी। क्या तुम मुझे डुबोने की कोशिश कर रहे हो?”ऊंट ने कहा “नहीं, भाई,”।

“बस इतना है कि मुझे अच्छे भोजन के बाद नदी में डुबकी लगाने की आदत है। ( बिल्ली की कहानी )

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मुझे आशा है कि आप बुरा नहीं मानेंगे”शरारती सियार ने सबक सीख लिया । उसने फिर कभी ऊंट को परेशान नहीं किया।

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Hathi ki kahani- short Hindi story for kids

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hathi ki kahani-Hindi story for kids
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दोस्त की तलाश (Hathi ki kahani)

एक दिन एक हाथी दोस्तों की तलाश में जंगल में घुस जाता है। हाथी एक पेड़ पर एक बंदर को देखता है | हाथी ने बन्दर से पूछा ,” क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?”

बंदर ने जवाब दिया, तुम बहुत बड़े हो, तुम मेरी तरह पेड़ों पर झूल नहीं सकते हो ।

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अगले दिन हाथी एक खरगोश से मिला, हाथी ने खरगोश से पूछा ,” क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?”

खरगोश ने जवाब दिया तुम बहुत बडे हो तुम मेरे बिल में नही आ सकते हो जिसकी वजह से हम खेल नही सकते हैं |

फिर हाथी की मुलाकात मेंडक से हुई | हाथी ने मेंडक से कहा प्लीज मुझसे दोस्ती कर लो ,

मेंडक ने जवाब दिया,” यह असंभव है तुम बहुत बडे हो और मेरी तरह उछल कूद भी नही कर सकते हो “|इसलिए हम दोस्त नही बन सकते हैं |

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इसी तरह सभी जानवरों ने हाथी से दोस्ती के लिए मना कर दिया |हाथी दुखी होकर वहां से चला गया |

हाथी ने की मदद (Hindi story for kids)

अगले दिन हाथी ने देखा सभी जानवर डरते हुए जान बचा कर भाग रहे हैं | हाथी ने पूछा क्या बात है तुम लोग इतने डरे हुए क्योँ हो और कहा भाग रहे हो |

खरगोश बोला जंगल में शेर आ गया है और वो अपना शिकार ढूंड रहा है वह हमे खा जायेगा इसलिए हम छुपने के लिए कही सुरक्षित जगह भाग रहे हैं |

हाथी ने कहा तुम लोग डरो मत में शेर से बात करके आता हूँ | हाथी शेर के पास जाकर बोला मोहदय, “आप इन मासूम जानवरों को क्योँ खाना चाहते हो” ?

शेर बोला,” तुम्हे इस से क्या मतलब तुम अपने काम से काम रखो और चुप चाप यह से चले जाओ “

बुद्धिमान हाथी की कहानी- Hindi Story For Kids

हाथी को गुस्सा आ गया उसने शेर के एक लात मारी और शेर उडते हुए दूर दुसरे जंगल में जाकर गिरा |

हाथी और सभी जानवरों की हुई दोस्ती |

जंगल के सभी जानवर खुश हो गये उन्हें हाथी से कहा आप दोस्त बनने के लिए सही आकार के हैं उन्हें समझ आ गया दोस्ती के लिए “आकार, रंग , कद , पैसे जेसी चीजों की ज़रूरत नही होती है” |

सब जानवरों ने जोर से हाथी से कहा क्या आप हमारे दोस्त बनोगे ?

हाथी ने हाँ कर दी और सभी जानवर हाथी के दोस्त बन गये और हँसी ख़ुशी जंगल में रहने लगे |

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