बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

एक भेड़िये ने गाँव में कबूतरों के बाड़े के पास नीचे खुदाई करके अपने लिए रास्ता बना रखा था | वह रोज़ रात को चोरी से कबूतरों के बाड़े में जाता और कबूतर खाकर अपना पेट भरकर वापस आ जाता |उसकी इस हरकत के बारे में किसी को पता नहीं चलता था | बाड़े में बहुत सारे कबूतर थे इसलिए किसान को उसकी हरकत के बारे में पता ही नहीं चला|
एक दिन भेड़िया कबूतर खा कर बाहर आ रहा था कि उसे बिल्ली ने देख लिया | बिल्ली ने पूछा तुम कहाँ से आ रहे हो ? भेड़िया बोला – “मैं तो दावत उड़ा कर आ रहा हूँ | तुम भी दावत उड़ाना चाहती हो तो मेरे साथ आ सकती हो | अन्दर बहुत ही स्वादिष्ट कबूतर हैं |”

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बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |
बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

भेड़िये की बात बिल्ली को अच्छी लगी | उसके मुंह में पानी आ गया | अलगे दिन वह भी भेड़िये के साथ चल पड़ी | बिल्ली थोड़ी समझदार थी वह भेड़िये से बोली -“इंसान बहुत चालाक होते हैं , इसलिए इनसे सावधान रहना |”
भेड़िया शेखी भंगारते हुए बोला -” अरे ! मैं तो बहुत दिनों से यहाँ कबूतर खाने आता हूँ | किसी को खबर तक नहीं हुई , तुम चिंता मत करो |”

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भेड़िये और बिल्ली ने कुछ दिन तो मज़े उड़ा लिए , लेकिन एक दिन किसान को उनके बारे में पता चल ही गया |
किसान ने अपने नौकरों से कह कर एक गहरा गड्ढा खुदवाया और उसे पत्तो से ढक दिया | अगले दिन जब भेड़िया और बिल्ली आए ,तो वो दोनों उस गड्ढे में धडाम से जा गिरे |

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भेड़िया बोला , “तुम सही कह रही थी , हमे सावधान रहना चाहिए था | तुम समझदार हो | अब तुम ही यहाँ से बाहर निकलने का तरीका बताओ |”
बिल्ली बोली – “हमे मरने का झूठा नाटक करना पड़ेगा |

तभी हम इस गड्ढे से बाहर निकल सकते हैं | किसान और उसके नौकर हम पर लाठियां बरसा सकते हैं , लेकिन हमें दर्द सहना पड़ेगा और हमें बिल्कुल भी हिलना नहीं हैं |जब उन्हें यकीन हो जायगा कि हम मर गए हैं तो वो हमे खुद ही बाहर फेंक देंगे |”

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भेड़िये को बिल्ली की बात सही लगी | जब किसान और उसके नौकर भेड़िये और बिल्ली को देखने आये तो वो दोनों मरने का नाटक कर के लेट गए | किसान उन दोनों को हिला-डुलाकर देखने लगा ,लेकिन वो दोनों बिलकुल नहीं हिले | तब किसान को यकीन हो गया कि वो दोनों मर गए हैं |

उसने अपने नौकरों से कहा कि इन् दोनों को गड्ढे से निकालकर बहार फेंक दो |
उन्होंने दोनों को गड्ढे से निकाला और बाहर फेंक दिया | इस तरह दोनों की जान बच गयी | उस दिन के बाद से भेड़िया और बिल्ली कबूतरों के बाड़े के आस-पास भी नहीं दिखे|

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