बुद्धिमान हाथी की कहानी – Hindi Story For Kids
एक जंगल में एक हाथी अपने परिवार के साथ रहता था। एक दिन वह हाथी अपने पूरे परिवार के साथ एक जंगल से दूसरे जंगल को जा रहा था । रास्ते में हाथी को एक चमकती हुई चीज दिखाई दी । हाथी के मन में विचार आया कि आखिर यह चीज क्या है जो इतना चमक रही है।
हाथी अपनी धुन में मगन उस चीज की तरफ बढ़ता चला गया। जिस वजह से वह अपने परिवार से अलग हो गया। जैसी ही हाथी चमकती हुई चीज के पास पहुंचा तो वह कुछ और नहीं बल्कि एक कील थी, जो सूरज की रोशनी पढ़ने से इतना चमक रही थी। गलती से हाथी का पैर उस कील के ऊपर पड़ गया और वह कील हाथी के पैर में घुस गई ।
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जिस वजह से हाथी के पैर से खून ही खून बहने लगा। हाथी का पूरा परिवार काफी दूर निकल चुका था। अब हाथी किसी से मदद भी नहीं मांग सकता था। कुछ ही देर में अंधेरा हो गया। बेचारा हाथी रात भर वहीं बैठ कर दर्द के मारे कराहता रहा । जब तक हाथी के परिवार को पता चलता कि छोटा हाथी उनसे अलग हो चुका है तब तक बहुत देर हो चुकी थी ।
Hindi Story For Kids
अंधेरा काफी हो गया था इस वजह से वह अपने छोटे हाथी को नहीं ढूंढ पाए। अगली सुबह एक बूढ़ा दंपति उस रास्ते से गुजरा तो उन्होंने देखा कि एक हाथी का बच्चा लेटा हुआ है जिसके पैर से खून ही खून निकल रहा है।उन्होंने जैसे-तैसे हाथी के पास जाने की हिम्मत की । उन्होंने देखा छोटे हाथी का पैर सूजा हुआ है और एक मोटी सी कील हाथी के पैर में चुभी हुई है।
बूढ़े आदमी ने फटाफट से उस कील को निकाला और जैसे ही हाथी के पैर से कील निकली तो खून बहने लगा। इसके साथ ही हाथी का दर्द कुछ कम हुआ और उसे होश आने लगा। बूढ़े दंपति को देखकर हाथी थोड़ा सा डर गया लेकिन वह कुछ कर भी नहीं सकता था। क्योंकि उसके पैर में दर्द हो रहा था और वह समझ चुका था कि यह बूढ़ा दंपति ही उसकी मदद कर सकता है ।
हाथी के पैर से बहते हुए खून को रोकने के लिए बूढ़ी औरत ने घाव को पानी से धोकर साफ कपड़े से बांध दिया ।इतनी देर में हाथी का परिवार हाथी को ढूंढते हुए वहां पहुंच गया । हाथियों के एक झुंड को अपनी तरफ आता देख बूढ़ा दंपत्ति डर गया। वह समझ चुके थे कि यह हाथी का ही परिवार है इसलिए वह छोटे हाथी को वहीं छोड़ अपने घर की ओर चल दिए।
Hathi Ki Kahani
जैसे जैसे समय बीतता गया बूढ़ा दंपति इस घटना को भूल चुका था । जिस गांव में यह बूढ़ा दंपति रहता था वहां का जमीदार बहुत ही दुष्ट था। यह जमीदार पूरे गांव से कर वसूली किया करता था। जो भी परिवार कर नहीं दे पाता था जमीदार जबरदस्ती उनके खाने का अनाज भी अपने साथ ले जाता था ।
बूढ़ा दंपत्ति अब बीमार रहने लगा था। जिस वजह से वह अपने हिस्से का कर नहीं दे सके। इसलिए जमीदार उनके खाने का अनाज अपने साथ ले गया।एक दिन बूढ़ा दंपति जब सुबह उठा तो उनके घर के आगे एक अनाज की बोरी रखी हुई थी।
बूढ़े दंपति को यह समझ नहीं आया कि यह अनाज की बोरी कहां से आई होगी चूंकि दंपति के पास खाने के लिए अनाज की कमी थी इसलिए उन्होंने उस बोरी को अपने पास रख लिया।अब गांव में यह शोर होने लगा कि जमींदार के घर से अनाज की एक बोरी कोई उठा ले गया है।
अगले सुबह फिर से बूढ़े दंपति को अपने घर के बाहर एक चीनी की बोरी रखी हुई मिली। इस बार भी यह चीनी की बोरी जमींदार के घर से ही चुराई गई थी। अब बूढ़े दंपति को पूरा यकीन हो गया कि कोई जमींदार के घर से अनाज चोरी करके उनके घर के बाहर रख कर जाता है, लेकिन वह समझ नहीं पा रहे थे कि ऐसा कौन और क्यों कर रहा है। बुद्धिमान हाथी की कहानी
बुद्धिमान हाथी की कहानी
यह जानने के लिए उन्होंने अब रात भर जागकर पहरेदारी करने की ठानी । जैसे ही रात हुई तो उन्होंने देखा कि एक हाथी अपनी सूंड में गन्ने दबा कर लाया और उनके दरवाजे पर रख दिए। हाथी ने भी बूढ़े दंपति को देख लिया और वह उन्हीं के सामने बैठ गया बूढ़ा दंपति उस हाथी को देखकर डर गए।
दंपति को डरता देख हाथी ने अपना पांव आगे बढ़ा दिया जिस पर एक बड़े से घाव का निशान था इस घाव को देखकर बूढ़े दंपति को वह घटना याद आ गई जब उन्होंने एक छोटे हाथी के पैर से कील निकाली थी। बूढ़ा दंपति समझ गया कि यह वही छोटा हाथी है जो अब बड़ा हो गया है और उनकी मदद इसलिए कर रहा है क्योंकि उन्होंने उसकी मदद की थी ।
बूढ़ा दंपति हाथी को पहचान गया । वह हाथी के पास गए तो हाथी ने उन दोनों को सूंड से उठाकर अपनी पीठ में बैठा लिया । इतनी ही देर में जमींदार व उसके आदमी हाथी के पीछे पीछे बूढ़े दंपति के घर पहुंच गए। जमींदार और उसके आदमियों ने हाथी को अपने काबू में करने की कोशिश की लेकिन हाथी ने अपनी सूंड से सब को उठा कर फेंक दिया।
जिससे जमींदार व उसके आदमियों के हाथ पैर टूट गए। जमीदार जैसे तैसे अपनी जान बचाकर वहां से भाग गया । अब गांव में सब को पता चल गया कि हाथी बूढ़े दंपति की मदद करता है और अब जमीदार ने गांव के लोगों को परेशान करना बंद कर दिया।
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