केसे बने कुत्ता बिल्ली दुश्मन | हिन्दी कहानियां |

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कुत्ता बिल्ली केसे बने दुश्मन | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

बहुत समय पहले की बात है एक गाँव में एक पति पत्नी रहते थे वह हमेशा खुश रहते थे | उन्होंने दो जानवर कुत्ता और बिल्ली पाल रखे थे | उनके घर में एक हीरा था जोकि एक लक्की (किस्मत वाला ) हीरा था जिसके वजह से उनके घर में हमेशा खुशियाँ रहती थी और उसकी वजह से ही उनको कभी खाने पिने की कमी नही रहती थी | हालंकि उनको इसकी जानकारी नही थी की वह हीरा उनके लिए कितना लक्की है | (Hindi story for kids -और कहानी पढने के लिए क्लिक करें )

एक दिन उस आदमी की पत्नी अचानक बड़ी बीमार हो गयी जिसकी वजह से उनको बहुत सारे पैसो की ज़रूरत पड़ गयी | उस आदमी ने वह लकी हीरा बेचकर पैसे इकठ्ठा कर लिए और कुछ दिन बाद उसकी पत्नी ठीक हो गयी | लेकिन उस लकी हीरे के जाने की वजह से घर में बड़ी तंगी आ गयी | उनके पास खाने तक के पैसे नही बचे | अब दोनों जानवर कुत्ता और बिल्ली को भी खाने के लिए कुछ नही मिलता था | दिन बड़े परेशानी में गुज़र रहे थे |

हिन्दी कहानियाँ | कुत्ते बिल्ली की कहानी |

दोनों जानवरों कुत्ता और बिल्ली को पता चल गया यह सब उस लकी हीरे के जाने की वजह से हुआ है | उन्होंने तय किया वह उस हीरे को वापस लायेंगे | कुत्ते को एक idea आया | वह बिल्ली से बोला तुम अपने दोस्त चूहे को बोलो वह हमारी मदद करे | चूहा उस लकड़ी की अलमारी को कुतर दे जिसमे वह हीरा रखा है और वह हीरा लाकर हमे देदे | वह बहुत छोटा होता है किसी को पता भी नही चलेगा साथ ही उसके दांत कुतरने के लिए बहुत तेज़ होते हैं |

बिल्ली को यह idea बहुत पसंद आया उसने अपने दोस्त चूहे को यह योजना बताई चूहा अपनी दोस्त की मदद करने के लिए तेयार हो गया | तीनो जिस घर में वह खरीदार रहता था उस घर की तरफ चल दिए | रस्ते में एक नदी आई | लेकिन बिल्ली और चूहे को तेरना नही आता था लेकिन कुत्ते को तेरना आता था उसने दोनों को अपनी पीठ पर बैठा कर आराम से नदी पार करा दी |

खरीदार के घर पर पहुचने के बाद बिल्ली ने चूहे को बोला हम दोनों बाहर खड़े हैं तुम जाओ और जल्दी से अपना काम करो और हीरा लेकर आ जाओ | चूहा गया और अलमारी में छेद करके वह हीरा निकाल लाया और अपनी दोस्त बिल्ली को वह हीरा दे दिया | बिल्ली ने वह हीरा अपने पास रख लिया |

केसे बने कुत्ता बिल्ली दुश्मन | बच्चो के लिए हिन्दी कहानियां |

फिर तीनो नदी पार करके अपने मालिक के घर की तरफ आने लगे | लेकिन कुत्ता नदी पर करने की वजह से बड़ा थक गया था उसने बोला बिल्ली क्योँ न हम थोड़ी देर आराम कर लें उसके बाद मालिक को जा कर यह हीरा दे आयेंगे में बहुत थक गया हूँ | बिल्ली ने बोला ठीक है वह दोनों वहाँ आराम करने लगे चूहा अपने घर चला गया |कुत्ता थका होने की वजह से सो गया लेकिन बिल्ली जाग रही थी उसकी दिमाग में एक चुतराई आई उसने सोचा क्योँ न में जाकर यह हीरा मालिक को दे दूँ इससे मुझे ज्यादा शाबाशी मिलेगी | यह सोचते हुए बिल्ली उठी और अपने मालिक के घर की तरफ चल पढ़ी उसने घर पहुंच कर अपने मालिक को बताया केसे वह हीरा उनके लिए लकी है |

दोनों पति पत्नी बड़े खुश हुए और सोचने लगे बिल्ली हमसे कितना प्यार करती है वह उसको शाबाशी देने लगे और बहुत प्यार करने लगे | तभी कुत्ता भी हांफता हुआ वहां आ गया दोनों उसको देख कर बड़ा गुस्सा हुए और बोले यह नाकारा कुत्ता किसी काम का नही है इसने हीरा वापस लाने के बारे में सोचा भी नही | उन्होंने कुत्ते को घर से बाहर निकाल दिया |कुत्ते को बिल्ली पर बहुत गुस्सा आया क्यूंकि उसने मालिक को नही बताया यह सब उसकी योजना थी | तभी से कुत्ते और बिल्ली में दुश्मनी हो गयी वह जहाँ भी एक दुसरे को देखते हैं लड़ पड़ते हैं |

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बिल्ली की कहानी – हिन्दी कहानियां

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बिल्ली की कहानी – Hindi story | छोटे बच्चो के लिए दिलचस्प बिल्ली की कहानी केसे बिल्ली जंगल छोड़ कर हमारे साथ रहती है | यह हिन्दी story छोटे बच्चो के लिए बनाई गयी है आपको पसंद आये तो निचे कमेन्ट ज़रूर करें | साथ ही इस website पर आपको ढेर सारी बच्चो की कहानी पोएम सब मिल जाएँगी | चलिए कहानी शरू करते हैं –

बिल्ली की कहानी -हिन्दी कहानी

बहुत समय पहले की बात है | किसी जंगल में एक बिल्ली अपने भाई चीते (टाइगर ) के साथ रहती थी उसका भाई जंगल का राजा था बिल्ली को यह बात बहुत अच्छी लगती थी के उसका भाई जंगल का राजा है वह सबका ख्याल रखेगा सबको खुश रखेगा |

लेकिन असल में ऐसा नही था टाइगर को बस अपने दोस्तों की परवाह थी वह अपनी बहन का भी ख्याल नही रखता था वह मजे से अपना शिकार करता और बचा हुआ खाना अपने दोस्तों में बाँट देता था | उसके दोस्त सियार और लोमड उसके साथ मजे से रहते थे | बेचारी बिल्ली को कुछ भी खाने को नही मिलता था | टाइगर को अपने दोस्त पसंद थे वो हमेशा उनके साथ रहता था |

बिल्ले और बिल्ली की मनोरंजक कहानी – पढने के लिए क्लिक करें

बिल्ली बिचारी चूहे , मेंडक , आदि खा कर अपना पेट भरती थी | उसने काफी बार अपने भाई को समझाना चाहा लेकिन उसका भाई टाइगर उसकी नही सुनता था | टाइगर हमेशा गुस्से में रहता था उसकी बहन जब भी उससे कुछ कहना चाहती वो उसको डांट कर भगा देता था |

एक बार टाइगर की तबियत खराब हो गयी | उसके दोस्त उसका हाल पूछने उसके पास आये टाइगर ने अपनी बहन बिल्ली से बोला मेरे दोस्त आये हैं इनके लिए कुछ खाने के लिए लाओ | बिल्ली के पास तो खुद कुछ खाने के लिए नही होता था उसने टाइगर से बोला घर में तो कुछ है ही नही में कहाँ से कुछ लाऊं |

यह सुनकर टाइगर को गुस्सा आ गया वो बिल्ली को डांटते हुए बोला जंगल के बाहर लोगो का घर है तुम वहां से कुछ लेकर आओ | बिल्ली लोगो के घर की तरफ चल पड़ी | उसको गुस्सा आ रहा था उसका भाई उसको डांटता है और खाने के लिए भी कुछ नही देता है |

Billi ki kahani | बच्चो के लिए हिन्दी कहानी |

रास्ते में उसे बच्चे मिले उन्होंने बिल्ली को पकड़ लिया | बच्चो को बिल्ली बहुत अच्छी लगी वह उसको दुलारने पुचकारने लगे | बिल्ली भी बच्चो के साथ बहुत अच्छा महसूस कर रही थी उसको इतना प्यार जो मिल रहा था |

इस खेल और प्यार में बिल्ली की टाइगर की बात भूल गयी | टाइगर बिल्ली की इंतज़ार कर रहा था जब बहुत देर हो गयी टाइगर को बहुत गुस्सा आया उसने दहाड़ते हुए जोर से आवाज़ की बिल्ली को अपने भाई टाइगर की आवाज़ आई वो भाग कर अपने भाई के पास सामान लेकर पहुंची |

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टाइगर को बिल्ली पर बहुत गुस्सा आया क्यूंकि उसके दोस्त चले गये थे उसने बिल्ली को गुस्से में बहुत डांटा और ऐसे पंजा ऊपर किया जेसे वो बिल्ली को मार देगा | बिल्ली जान बचा कर वहां से भाग गयी और जंगल के बाहर लोगो के घर में रहने लगी |

वहां बच्चे उसको बहुत प्यार करते थे | उसके लिए दूध रोटी लाते थे | बिल्ली को वहां बहुत प्यार मिल रहा था बिल्ली ने तय कर लिया अब वह जंगल नही जाएगी | तब से वह हमारे साथ हमारे घरो में रहने लगी | इसलिए वह जंगल में नही रहती हैं |

Billi ki kahani

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बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

एक भेड़िये ने गाँव में कबूतरों के बाड़े के पास नीचे खुदाई करके अपने लिए रास्ता बना रखा था | वह रोज़ रात को चोरी से कबूतरों के बाड़े में जाता और कबूतर खाकर अपना पेट भरकर वापस आ जाता |उसकी इस हरकत के बारे में किसी को पता नहीं चलता था | बाड़े में बहुत सारे कबूतर थे इसलिए किसान को उसकी हरकत के बारे में पता ही नहीं चला|
एक दिन भेड़िया कबूतर खा कर बाहर आ रहा था कि उसे बिल्ली ने देख लिया | बिल्ली ने पूछा तुम कहाँ से आ रहे हो ? भेड़िया बोला – “मैं तो दावत उड़ा कर आ रहा हूँ | तुम भी दावत उड़ाना चाहती हो तो मेरे साथ आ सकती हो | अन्दर बहुत ही स्वादिष्ट कबूतर हैं |”

बिल्ली घर में क्योँ रहती हैं – बिल्ली की कहानी बच्चो के लिए

बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |
बिल्ली की समझदारी | Hindi Story for kids |

भेड़िये की बात बिल्ली को अच्छी लगी | उसके मुंह में पानी आ गया | अलगे दिन वह भी भेड़िये के साथ चल पड़ी | बिल्ली थोड़ी समझदार थी वह भेड़िये से बोली -“इंसान बहुत चालाक होते हैं , इसलिए इनसे सावधान रहना |”
भेड़िया शेखी भंगारते हुए बोला -” अरे ! मैं तो बहुत दिनों से यहाँ कबूतर खाने आता हूँ | किसी को खबर तक नहीं हुई , तुम चिंता मत करो |”

फँस गये बिल्ली और भेड़िया ( Hindi cat story for kids )

भेड़िये और बिल्ली ने कुछ दिन तो मज़े उड़ा लिए , लेकिन एक दिन किसान को उनके बारे में पता चल ही गया |
किसान ने अपने नौकरों से कह कर एक गहरा गड्ढा खुदवाया और उसे पत्तो से ढक दिया | अगले दिन जब भेड़िया और बिल्ली आए ,तो वो दोनों उस गड्ढे में धडाम से जा गिरे |

बिल्ली और बिल्ले की कहानी – क्लिक करें


भेड़िया बोला , “तुम सही कह रही थी , हमे सावधान रहना चाहिए था | तुम समझदार हो | अब तुम ही यहाँ से बाहर निकलने का तरीका बताओ |”
बिल्ली बोली – “हमे मरने का झूठा नाटक करना पड़ेगा |

तभी हम इस गड्ढे से बाहर निकल सकते हैं | किसान और उसके नौकर हम पर लाठियां बरसा सकते हैं , लेकिन हमें दर्द सहना पड़ेगा और हमें बिल्कुल भी हिलना नहीं हैं |जब उन्हें यकीन हो जायगा कि हम मर गए हैं तो वो हमे खुद ही बाहर फेंक देंगे |”

बिल्ली की कहानी


भेड़िये को बिल्ली की बात सही लगी | जब किसान और उसके नौकर भेड़िये और बिल्ली को देखने आये तो वो दोनों मरने का नाटक कर के लेट गए | किसान उन दोनों को हिला-डुलाकर देखने लगा ,लेकिन वो दोनों बिलकुल नहीं हिले | तब किसान को यकीन हो गया कि वो दोनों मर गए हैं |

उसने अपने नौकरों से कहा कि इन् दोनों को गड्ढे से निकालकर बहार फेंक दो |
उन्होंने दोनों को गड्ढे से निकाला और बाहर फेंक दिया | इस तरह दोनों की जान बच गयी | उस दिन के बाद से भेड़िया और बिल्ली कबूतरों के बाड़े के आस-पास भी नहीं दिखे|

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