TENALI RAMAN HINDI STORY – लाल मोर

तेनालीराम की कहानी

TENALI RAMAN HINDI STORY | एक समय की बात है एक राजा थे, जो जानवरों और पक्षियों के साथ-साथ अद्भुत और अनोखी चीजों के बहुत शौकीन थे। राजा के ऐसे शौक़ के कारण मंत्रियों और राज दरबारियों द्वारा बस अनोखी चीजों की खोज की जाती थी। महाराज को अनोखी चीज़ देने के साथ ही उनका उद्देश्य महाराज से उपहार और पैसा भेंट में पाना भी था।
एक बार महाराज के एक दरबारी ने उन्हें प्रसन्न करने के लिए एक मोर को रंगवा कर अनोखे लाल रंग का कर दिया। दरबारी ने कहा, “महाराज, मैंने मध्य प्रदेश के घने जंगलों से इस अनोखे मोर को मंगवाया है।”

जब महाराज ने उस मोर को देखा वो हैरान रह गए। उन्होंने कहा, “लाल रंग का मोर, यह वास्तव में अद्भुत है और ऐसा मोर कहीं भी मिलना मुश्किल है। मुझे इसे अपने बगीचे में बहुत सतर्कता से रखना पड़ेगा।“

महाराज बोले, “अब यह बताओ कि इसे ढूंढ कर लाने में तुम्हें कितना पैसा खर्च किया?’

अपनी तारीफ को सुनकर दरबारी बहुत खुश हुआ और उसने कहा, “महाराज, मैंने केवल आपके लिए इस अनोखे मोर को खोजा, और इसे खोजने के लिए मैंने अपने दो नौकरों को रखा था।

वे दोनों तब पूरे देश की यात्रा कर रहे थे और वे कई सालों से इस अद्भुत चीज़ की तलाश में लगे हुए थे। कई वर्षों के बाद, अब उन्हें यह लाल मोर मिला। मैंने इस सब में लगभग 25 हजार रुपये खर्च किए हैं।“

राजा में उस दरबारी को 25 हजार रूपये की राशि देने का एलान किया। और साथ ही राजा ने उस दरबारी से कहा की इस राशि के अलावा भी आपका सम्मान किया जाएगा। दरबारी खुश हो कर मुसकुराने लगा।

तेनालीराम की कहानियाँ – लाल मोर

जैसे ही तेनाली की नजर उस दरबारी पर पड़ी तेनालीरामा को सारा मामला समझ आ गया। उस समय तेनालीरामा कुछ नहीं बोला क्योंकि वो जानता था की यह समय उचित नहीं रहेगा।

तेनालीरामा जानता था की ऐसे लाल रंग का मोर कहीं भी नहीं होता, यह दरबारी झूठ कह रहा है।
अगले दिन तेनालीरामा को रंगाई करने वाला व्यक्ति मिल गया। तेनाली रंगाई करने वाले व्यक्ति के पास रंगने के लिए चार मोर लेकर गया और उन्हें उस रंगाई करने वाले व्यक्ति के पास से रंग लाने के बाद, दरबार में ले आया।

तेनालीरामा ने राज दरबार में कहा, “महाराज, यहाँ पर बैठे ये दरबारी मित्र पच्चीस हजार में सिर्फ एक मोर लाए, लेकिन मैं पचास हजार में चार और सुंदर मोर लाया हूं जो उस मोर से भी ज्यादा सुंदर है।

जैसे ही राजा ने उन मोरों को देखा वे उन पर मोहित हो गये। राजा ने खुश होकर तेनाली को पचास हजार रुपये देने का एलान दिया।
यह सुनकर तेनालीराम ने अदालत में बैठे एक व्यक्ति की ओर इशारा किया और कहा, “महाराज मेरा इस इनाम पर कोई हक नहीं है, लेकिन यह हक इस कलाकार है।

यह वही कलाकार है जिसने नीले मोर को लाल रंग में बदल दिया है। यह ऐसा कलाकार है की किसी भी चीज़ को एक रंग से दूसरे रंग में बदल सकता है।

जैसे ही महाराज ने यह सुना वे सब समझ गए की दरबारी ने उनसे झूठ कहा था।

महाराज ने दरबारी को दी गयी धनराशि वापस ले ली और उस पर पाँच हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया तथा राजा ने उस कलाकार की कला के लिए उसे पुरस्कार दिया।

इस कहानी से हमने क्या सीखा:

इस Tenali Raman Story Hindi से हमें यह सीख मिलती है की हमें भावनाओं में आकार कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। कोई भी असामान्य बात होने पर उसकी जांच पड़ताल किए बिना उसे सत्य नहीं मानना चाहिए।

तेनालीराम की कहानीविचित्र पक्षी