एक अच्छे काम की शुरुआत- Hindi Moral Story

एक अच्छे काम की शुरुआत-Hindi Moral story

एक अच्छे काम की शुरुआत- Hindi Moral Story |

एक बच्चा जिसका नाम रामू था अपनी माँ के साथ बाज़ार समान खरीदने गया | समान खरीद कर वह वापिस घर जाने के लिए बस में बैठे | बस चल पड़ी और एक बच्चा बस में घुस गया, गंदे कपड़े, टूटे जूते और बिखरे बाल वाला बच्चा |


उसने सबसे पहले बस में सवार लोगों का अभिवादन किया और फिर बताया कि उसके पिता मजदूर थे, जिनकी मकान निर्माण के दौरान छत से गिरकर मौत हो गई थी. घर में पांच छोटे भाई-बहन हैं. उन्हें खाना खाने के लिए घर में कुछ नही हैं आप लोग मेरी मदद करें |


कृपया मेरी मदद करें।बच्चा लगभग आठ साल का था।वह काफी देर तक बस में खड़ा रहा।एक महिला और दो बूढ़ों के अलावा किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। जब रामू ने अपनी मां से उसे कुछ पैसे देने के लिए कहा तो मां ने कहा कि कुछ लोग इस तरह बच्चों से भीख मांगते हैं।

रामू ने अपनी मां से बहस नहीं की। घर आने के बाद भी वह पूरे दिन बेचैन रहा। रात को सोते समय भी बच्चा उसकी आंखों के सामने आता रहा। रामू ने अपनी और उसकी तुलना की। रामू के पिता का निधन हो गया। माँ एक एक सरकारी स्कूल मे शिक्षक थी|

एक अच्छे काम की शुरुआत


रामू की दो छोटी बहनें इकरा और मरियम थीं। रामू पंद्रह साल का था। उसने 10 वी की परीक्षा पास की थी। रामू के पास अच्छा खाना और कपड़े थे, और बच्चे ने गंदे कपड़े पहने थे, और उसके पास खाना भी नहीं था। उसे इसके लिए भीख माँगनी पड़ी।
रामू बार-बार माँ की बात ठीक कह कर अपने को तसल्ली देता, पर मन नहीं भरता और इसी बीच नींद की वादियों में चला गया।

दो दिन बाद जब रामू अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलकर लौट रहा था तो उसने बच्चे को देखा, जो कूड़े के ढेर में कुछ खोज रहा था। कुछ देर बाद एक आदमी फलों के छिलके फेंक कर चला गया। बच्चे ने तुरंत छिलके उठाए और दूसरी दिशा में चल दिया। रामू भी उसके पीछे हो लिया। थोड़ी देर बाद, वे एक झुग्गी में पहुँचे। वहां एक छोटी सी झोपडी थी जहाँ और भी लोग रहते थे |


बच्चे ने जैसे ही फलों के छिलके डाले पांचों छोटे बच्चे छिलकों की तरफ दौड़ पड़े गर्मी का मौसम था और ज्यादातर गर्मियों के फलों में छिलके होते हैं। बच्चे गोले पर बचा कच्चा गूदा खा रहे थे, जबकि बच्चों की मां उनके बगल में खाट पर बैठी थी।

एक अच्छे काम की शुरुआत- Hindi Moral Story |


यह सब देखकर रामू की आंखों में आंसू आ गए। जब ​​वह घर लौटा तो उसने अपनी मां को सब कुछ बताया, जिसे सुनकर उसकी मां बहुत दुखी हुई। उन्होंने घर से कुछ राशन, फालतू कपड़े और कुछ पैसे लिए। और रामू के साथ उस बच्चे की झोपड़ी में चले गए। .


रामू और उसकी माँ को देखकर वे बहुत हैरान हुए। जब ​​रामू की माँ ने उन्हें सामान दिया, तो महिला की आँखों में आँसू आ गए। उसने रामू और उसकी माँ को धन्यवाद दिया। आज रामू बहुत खुश था और उसकी सारी चिंताएँ दूर हो गईं। अब उसके पास भी अन्य लोगों को अच्छे कार्यों में भागीदार बनाया।

25 फलो के नाम | 25 fruits name |