हिंदी वर्णमाला पोएम – A se Anaar, aa se aam |

हिंदी वर्णमाला पोएम – A se Anaar, aa se aam |वर्णमाला- वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते। जैसे- अ, ई, व्, च्, क्, ख् इत्यादि।प्रत्येक वर्णमाला में दो प्रकार के वर्ण होते हैं स्वर वर्ण तथा व्यंजन वर्ण

स्वर

 जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से अर्थात् बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता के किया जा सकता है, वे ‘स्वर’ कहलाते हैं।

अ से अनार

अ से अनार जम कर खाओ,

जूस पियो और सेहत बनाओ

आ से आम

आ से आम फलो का राजा,

मुन्ना राजा आकर खाजा

इ से इमली

इ से इमली खट्टी कितनी,

मुन्ना को भाति इसकी चटनी

ई से ईख

ई से ईख मीठी है लगती,

गुड़, चटनी इससे है बनती

उ से उल्लू

उ से उल्लू रात में जागे,

दिन निकले और यह भागे

ऊ से ऊन

ऊ से ऊन, ऊन का गोला,

इसका स्वेटर पहने भोला

ऋ से ऋषि

ऋ से ऋषि होता महान,

सबको देता है यह ज्ञान

ए से एड़ी

ए से एड़ी पैर के नीचे,

नाचो करके आगे पीछे

ऐ से ऐनक

ऐ से ऐनक गोलू लगाता,

लगाकर इसे हीरो बन जाता

ओ से ओखली

ओ से देखो बड़ी ओखली,

अन्दर से यह लगे खोखली

औ से औरत

औ से औरत माँ के जैसी

कोई नहीं दुनिया में ऐसी

अं से अंगूर

अं से अंगूर बड़े रसीले,

होते हैं ये हरे-पीले

अ: से अ:

अ: से अ: खाली खाली,

ये दुनिया है बड़ी निराली

हिंदी वर्णमाला पोएम - A se Anaar, aa se aam |

व्यंजन

जिन अक्षरों की ध्वनि को स्वर की सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें ‘व्यंजन’ कहते हैं।

क से कबूतर

क से कबूतर मन को भाता,

गुटर गूं- गुटर गूं गीत सुनाता

ख से खरगोश

ख से खरगोश दौड़ लगाता,

लाल लाल यह गाजर खाता

ग से गुड़िया

ग से गुड़िया कितनी प्यारी,

खेले इससे मेरी रानी

घ से घड़ी

घ से घड़ी समय बताती,

करो काम यह हमें बताती

ड. खाली

ड. होता है खाली,

बच्चों खेलो, बजाओ ताली

च से चम्मच

च से चम्मच जल्दी लाओ,

मुन्ना इससे खीर खाओ

छ से छाता

छ से छाता, जब खुल जाता

वर्षा और धूप से हमें बचाता

ज से जहाज़

ज से जहाज़ की करो सवारी

और देख लो दुनिया सारी

झ से झण्डा

झ से झंडा तिरंगा हमारा, 

हमें हमारी जान से प्यारा।

ञ खाली

 ञ से नहीं बनता कोई शब्द,

 बच्चो सदा तुम रहना मस्त ।

ट से टमाटर

ट से टमाटर लाल-लाल,

खाकर बिल्लू हो गया निहाल ।

ठ से ठठेरा

ठ से ठठेरा ठेले पर आता, 

बढ़िया-बढ़िया बर्तन लाता ।

ड से डमरू

ड से डमरू मदारी बजाता,

भालू-बंदर का खेल दिखाता।

ढ से ढोल

ढ से ढम ढम ढोल बजाओ, 

झूमो-नाचो, मौज उड़ाओ।

ण खाली

ण होता सदा ही खाली, 

खेलो-कूदो बजाओ ताली ।

त से तरबूज

त से तरबूज गरमी में आता,

इसे देखकर जी ललचाता।

थ से थरमस

थ से थरमस में पानी कूल, 

मुन्नी रोज़ ले जाती स्कूल।

द से दवात

द से दवात दादी लाई,

पेन भरो लिखो सुंदर लिखाई ।

ध से धनुष

ध से फिर धनुष पर तीर चढ़ाओ,

तुम सही निशाना लगाओ।

न से नल

न से नल में पानी आता, 

जो भी चाहता भर ले जाता ।

प से पतंग

प से पतंग लहराती जाए, 

बच्चों को यह खूब लुभाए ।

फ से फल

फ से फल होते गुणकारी, 

इनसे डरती हैं सब बीमारी ।

ब से बतख

ब से बतख बक-बक करती,

दिन भर मटक-मटक कर चलती।

भ से भगत

भ से भगत लगाता ध्यान, 

दिन भर जपता प्रभु का नाम।

म से मछली

म से मछली जल की रानी, 

जीवन है बस इसका पानी ।

य से यज्ञ

य से यज्ञ पंडित जी करते, 

लय के साथ मंत्र हैं पढ़ते।

र से रथ

र से रथ पर होकर सवार,

चले सैर को राजकुमार

ल से लट्टू

ल से लट्टू गोल-गोल घूमता,

संग-संग इसके गोलू भी झूमता ।

व से वक

व से वक बगुला कहलाता, 

मछली देख चट कर जाता।

श से शलजम

श से शलजम कच्चा खा लो, 

चाहे माँ से सब्ज़ी बनवा लो।

ष से षटकोण

ष से देखो बना षट्कोण,

रंग-बिरंगे इसके छः कोण।

स से सपेरा

स से सपेरा बीन बजाता,

साँपों को यह खूब नचाता।

ह से हल

ह से हल किसान चलाता,

हमारे लिए वह अनाज उगाता ।

क्ष से क्षत्रिय

क्ष से क्षत्रिय देश की शान,

दुश्मन को मार बनते महान ।

त्र से त्रिशूल

त्र से त्रिशूल है बड़ा भयंकर,

इसे धारण करते शिव-शंकर ।

ज्ञ से ज्ञानी

ज्ञ से ज्ञानी बड़े विद्वान, 

सबको देते हैं ये ज्ञान ।

श्र से श्रमिक

श्र से श्रमिक श्रम है करता, 

मेहनत से यह कभी न डरता।

मेरी गुडिया |Hindi Poem for kids|

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