Short Moral Stories in Hindi for Kids 2022 | प्रेरणादायक बच्चो की कहानियाँ हिंदी में |
मछली की कहानी |
एक नदी में कई मछलियां रहती थीं। उन्हें पकड़ने के लिए वहां कोई नहीं आता था । उनमे तीन छोटी मछलियाँ भी थीं जो बहुत अच्छी दोस्त थीं। एक दिन, तीनो मछलियाँ तेरते हुए कहीं दूर चली गयीं । वहाँ उन्होंने देखा कि बहुत सारे लोग नदी के किनारे बैठे थे और कुछ बाते कर रहे हैं । एक मछली ने हैरानी से कहा, ”हमने इतने लोगों को एक साथ कभी नहीं देखा. | दूसरी मछली ने कहा,” ”मुझे यह जगह बहुत पसंद है. हम वापस नही जायेंगे , ”
लेकिन, तीसरी मछली कुछ और ही सोच रही थी। ”हम यहां सुरक्षित नहीं रहेंगे।” हम कभी भी मछुआरों के जाल में फंस सकते हैं। चलो अपने पुराने घर वापस चलते हैं। चूंकि यह जगह किसी भी खतरे से खाली नही है , ” तीसरी मछली ने कहा।
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मछली की कहानी
अन्य दो मछलियाँ वापस जाने के विचार से बहुत निराश थीं। वे तब तक जिद करते रही जब तक कि तीसरी मछली भी वहाँ रहने के लिए राजी नहीं हो गई। लेकिन, तीसरी समझदार मछली हमेशा बहुत सावधान रहती थी ।एक सुबह, मछलियाँ पानी में खेल रही थीं। उनमें से दो मछलियों ने मछुआरों के जाल पर ध्यान नहीं दिया था। वे अनजाने में उस जाल पर तैर गयीं । तीसरी मछली सतर्क थी। वह अपने दोस्तों को बचाने के लिए उस ओर दोडी। उसने जाल को पत्थर से बांध दिया |
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मछुआरे आपस में कहते हैं लगता है , ”एक बड़ी मछली जाल में फंस गई है।” उन्होंने तुरंत जाँच के लिए जाल को एक कोने से खींच लिया। इससे दो मछलियों को जाल का पता लगाने में मदद मिली और वे विपरीत दिशा में तैर गईं।
तीसरी मछली उनकी ओर तैर कर बोली, ”मैंने तुम्हें पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन तुमने मेरी एक नहीं सुनी।” ‘हम मूर्ख थे,” दो मछलियों ने कहा। ”चलो हम सब अपने पुराने घर को लौटते हैं।” दोनों साथ-साथ वापस चले गए और हमेशा के लिए खुशी-खुशी रहने लगे।
Moral : बुद्धि और साहस जीवन बचा सकते हैं।
लोमड़ी और सारस (Short Moral Stories in Hindi )
एक दिन, एक लालची और मतलबी लोमड़ी ने एक सारस को रात के खाने के लिए दावत दी । सारस निमंत्रण से बहुत खुश हुआ – वह समय पर लोमड़ी के घर पहुंचा और अपनी लंबी चोंच से दरवाजा खटखटाया। लोमड़ी उसे खाने की मेज पर ले गई और उन दोनों के लिए एक पलेट में कुछ सूप परोसा। चूंकि पलेट सपाट थी और सारस अपनी लम्बी चोंच से खाता है , इसलिए वह सूप बिल्कुल नहीं पी सका । लेकिन, लोमड़ी ने जल्दी से अपना सूप चाट लिया।
सारस गुस्से में और परेशान था , लेकिन उसने अपना गुस्सा नहीं दिखाया और प्यार से व्यवहार किया। लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए, सारस ने अगले दिन रात के खाने पर लोमड़ी को बुलाया । उसने भी सूप परोसा, लेकिन इस बार सूप को दो लंबे संकरे फूलदानों में परोसा गया।
सारस ने फूलदान मे अपनी लम्बी चोंच डाली और सूप को अराम से पी लिया, लेकिन लोमड़ी लम्बी चोंच न होने के कारण उसमें से कुछ भी नहीं पी सकी। लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह भूखी घर चला गयी ।
Moral: जेसा हम करते हैं वेसा ही हमे मिलता है |
चिड़िया की कहानी (Hindi Moral stories )
एक सुन्दर जंगल था जिसमे बहुत सारे जानवर रहते थे जिसमे एक नन्ही चिड़िया भी थी जो बहुत प्यारी और समझदार थी।
सभी जानवर बड़े प्यार से रहते थे। गर्मी के दिन की बात है जंगल मे ज्यादा गर्मी की वजह से भीषण आग लग गयी।
सभी जानवर परेशान थे, काफी डर रहे थे और सोच रहे थे के क्या करें ??
तभी थोड़ी ही देर में जंगल में भगदड़ मच गयी। हवा तेज़ थी और देखते ही देखते आंग तेज़ी के साथ फैलने लगी।
सभी जानवरों को अपनी जान की चिंता थी। जान बचने के लिए सभी जानवर इधर से उधर भाग रहे थे।
नन्हीं चिड़िया ने देखा क़ि सभी जानवर बहुत परेशान हैं । वह उड़ सकती थी। खुद को बचा सकती थी लेकिन उसने सोचा के उसे अन्य जानवरो की मदद करनी चाहिए।
लेकिन वे बेचारी क्या कर सकती थी क्यूंकि वह तो बहुत छोटी थी – लेकिन उसने हिम्मत नही हरी वह जल्दी ही पास की नदी में गयी और अपनी छोटी सी चोच में पानी भरकर लाई और आग में डालने लगी.
चिड़िया की कहानी ( नेतिक कहानीयां )
नन्हीं चिड़िया बार बार नदी में जाकर अपनी चोच में थोड़ा थोड़ा पानी लाती और डालती। उधर एक उल्लू गुजर रहा था और उसने चिड़िया की इस हरकत को देखा और मन ही मन बोला क़ि ये चिड़िया कितनी वेवकूफ है.
इस आग को क्या भला ये चोंच में पानी भरकर बुझा सकती है?
उल्लू यही सोचता हुआ चिड़िया का मज़ाक उड़ने के लिए चिड़िया के पास जाता है और बोलता है –“यह क्या कर रही हो ? क्या तुम मूर्ख हो जो इस तरह से आग बुझा ने की कोशीश कर रही हो? क्या ऐसे आग बुझाई जा सकती है ?”
नन्हीं चिड़िया ने बड़े प्यार से जवाब दिया- “मेरी छोटी से कोशिश से शायद ही कुछ होगा, शायद ही ये आग बुझेगी, लेकिन क्या हम हाथ पे हाथ धरे बैठे रहें ? हमसे जो भी हो सकता है वह करना है। कोशिश ही बड़ी चीज़ है। मैं अपनी कोशिश करती रहूंगी फिर आग चाहे कितनी भी भयंकर हो”
चिड़िया की यह बात सुन – उल्लू बहुत प्रभावित हुआ और अन्य जानवरो को प्रेरित कर चिड़िया की मदद करने लगा | सभी जानवरों की छोटी छोटी कोशिश से आग बुझाने मे एक बड़ी मदद मिली और आग भुझ गई | सभी जानवर बहुत खुश हुए और फिर से हसी ख़ुशी रहने लगे |
Moral : हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए और डरना नही चाहिए|
ऊंट और सियार की कहानी ( प्रेरणादायक बच्चो की कहानियाँ हिंदी में )
एक जंगल में एक बार एक ऊंट और एक लोमड़ी रहते थे। वे प्रतिदिन नदी में पानी पीने जाते थे। नदी के दूसरी ओर एक मकई का खेत था। लोमड़ी हमेशा नदी पार करने और खेत में जाने के बारे में सोचती थी। लेकिन, उसे तैरना नहीं आता था।
एक दिन उसने ऊँट से कहा, ”मित्र, मुझे उस खेत का अनाज खाना है। मैं आपकी मदद के बिना नदी पार नहीं कर सकता। क्या तुम मुझे अपनी पीठ पर बिठाओगे?”
ऊंट को यह बहुत अच्छा विचार लगा। ”यह आसान है। आज रात, हम वहाँ जायेंगे और एक साथ मक्के का आनंद लेंगे,” उन्होंने कहा।
रात में दोनों दोस्त नदी किनारे मिले। लोमड़ी ने ऊंट की पीठ पर छलांग लगाई और दोनों ने मिलकर नदी पार की। प्रसन्न होकर वे तेजी से खाने लगे।
ऊंट और सियार की कहानी ( प्रेरणादायक बच्चो की कहानियाँ हिंदी में )
लोमड़ी ने कहा, ”मैंने काफी खा लिया है।” लेकिन ऊंट को अभी भी भूख लग रही थी। वह खाना बंद नहीं कर सका। लोमड़ी अब गुर्राने लगी। जब ऊंट ने उसे इतनी जोर से न चिल्लाने को कहा तो उसने कहा, ”कुछ भी खाकर गुर्राना मेरी आदत है.”
कुछ ही देर में किसान दौड़ते हुए आए। लोमड़ी झाड़ियों के पीछे छिप गई। किसानों ने ऊंट को देखा और उसकी पिटाई कर दी। किसान के चले जाने पर लोमड़ी झाड़ियों से निकली और बोली, ”कितने बुरे हैं ये लोग! मुझे तुम्हारे लिए बहुत बुरा लग रहा है।”
ऊंट ने कुछ नहीं कहा। वह लोमड़ी को अपनी पीठ पर बिठाकर नदी में चला गया। वह गहरे पानी में चला गया और लुढ़क गया। ”कृपया ऐसा मत करो!” लोमड़ी ने विनती की। ऊँट ने उत्तर दिया, ”खाने के बाद यह मेरी आदत है।”
लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वह नदी में गिर गया और डूब गया।
Moral (नैतिक शिक्षा) : जैसा बोओगे वैसा काटोगे।
नेकी का इनाम ( प्रेरणादायक बच्चो की कहानियाँ हिंदी में )
एक शहर में एक अमीर आदमी रहता था। वह बहुत अमीर था और एक शानदार जीवन जी रहा था। वह हमेशा अपने दोस्तों और पड़ोसियों से अपने पैसो के बारे में डींग मारता था। वह अपने नौकर से भी अच्छा व्यवहार नही करता था।उसने उसके साथ इतना बुरा व्यवहार किया कि वह बीमार पड़ गया।
नौकर ने सोचा “मैं किसी दिन भाग जाऊंगा और फिर कभी वापस नहीं आऊंगा,” । उसने योजनाएँ बनाना शुरू किया। एक दिन, जब उसका मालिक काम पर गया, तो वह भाग गया। वह शहर के बाहर एक जंगल में पहुँच गया।
जंगल में कुछ खाने और पानी की तलाश में भटकते हुए , उसे एक गुफा मिली। वह गुफा खाली थी, इसलिए उसने उसमें छिपने का फैसला किया। “मैं अब आज़ाद हूँ। उसने सोचा मालिक मुझे यहाँ कभी नहीं ढूँढ सकते”, यह सोचते हुए वह खुशी से सो गया।
नोकर और शेर की मुलाकात (Hindi Moral story )
तभी उसे शेर के कराहने की आवाज़ सुनी आवाज़ सुन कर वह जाग गया । नोकर डर कर खड़ा हो गया उसने शेर की खतरनाक आँखों को देखा, शेर उसकी तरफ आ रहा था । वह डर गया। उसके पास न चीखने की ताकत थी, न ही भागने की।
बाघ लंगड़ाते हुए उसके करीब आ गया और बोला , “मेरे पंजे में एक कांटा फंस गया है। अगर आप इसे हटा देंगे, तो मैं ज़िन्दगी भर आपका अहसान नही भूलूंगा ।” नौकर ने धीरे से शेर के पंजे से कांटा निकाल दिया| शेर ने उसका शुक्रिया अदा किया और वे अच्छे दोस्त बन गए।
कुछ दिनों बाद, उस मालिक के आदमी जंगल में उस नौकर की तलाश में आए। उन्होंने उसे पकड़ लिया और उसे उसके मालिक के पास ले गए। मालिक ने आदेश दिया “इस नौकर को एक भूखे शेर के सामने डाल दो ,”
सजा के दिन, शहर भर से लोग लड़ाई देखने आए। जब शेर नौकर पर हमला करने वाला था, तो उसने उसे पहचान लिया। नौकर को एहसास हुआ कि वह वही है जिसे उसने एक बार बचाया था। हर कोई उनकी दोस्ती देख कर हेरान था। यह देख कर मालिक ने नौकर को माफ कर दिया और उसे जाने दिया।
Moral: “अच्छाई के बदले अच्छाई मिलती है “
बीरबल की होशियारी (Short Moral Stories in Hindi)
एक दिन, राजा अकबर ने अपने दरबार में एक ऐसा प्रश्न पूछा जिसने दरबार में सभी को हैरान कर दिया। जैसे ही वे सभी उत्तर जानने की कोशिश कर रहे थे, बीरबल अंदर आए और पूछा कि मामला क्या है। उन्होंने उससे सवाल दोहराया।
सवाल था, “शहर में कितने कौवे हैं?”
यह सुनकर बीरबल तुरंत मुस्कुराए और अकबर के पास गए। उसने उत्तर की घोषणा की; बीरबल ने कहा, नगर में 20 हज़ार हजार पांच सौ दस कौवे हैं । अकबर ने हेरान होकर पूछा तुम यह केसे जानते हो ?
बीरबल ने उत्तर दिया, “जहाँपनाह आप अपने आदमियों से कौवे की संख्या गिनने के लिए कहिए । यदि कोवे अधिक हैं, तो कौवे के रिश्तेदार उनके पास आस-पास के शहरों से आ रहे होंगे। यदि कम हैं, तो हमारे शहर के कौवे शहर से बाहर रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास जरूर मिलने गए होंगे ।”
अकबर बीरबल की चतुराई से बड़ा खुश हुआ | बीरबल के उत्तर से खुश होकर अकबर ने बीरबल को एक माणिक और मोती का हार भेंट किया ।
Moral: होशियारी से हम किसी भी समस्या से निपट सकते हैं |
सोने की गुड़िया (Top 10 Moral stories in Hindi )
एक बार एक छोटे से शहर में एक लालची आदमी रहता था। वह बहुत धनी था, और उसे सोना और पैसे बहुत प्यारे थे । लेकिन वह अपनी बेटी को किसी भी चीज से ज्यादा प्यार करता था। एक दिन उसे एक परी दिखाई दी। पेड़ की कुछ शाखाओं में परी के बाल फंस गए थे। उसने उसकी मदद की, लेकिन तभी उसके मन मे विचार आया परी तो इच्छाएं पूरी करती हैं , उसने परी से कहा मेने तुम्हारी मदद की है तुम बदले मे मुझे क्या दोगी । परी ने उसे एक इच्छा पूछी । उसने कहा, “जो कुछ मैं छूऊं वह सब सोना हो जाए।” परी ने कहा ठीक है आज से ऐसा ही होगा ।
लालची आदमी अपनी पत्नी और बेटी को अपनी इच्छा के बारे में बताने के लिए घर भागा, रास्पते मे प त्थरों और कंकड़ को छूते हुए और उन्हें सोने में बदलता देख वह बहुत खुश था । घर पहुंचते ही उसकी बेटी उसका स्वागत करने के लिए दौड़ी। जैसे ही वह उसे अपनी बाहों में लेने के लिए नीचे झुका, वह एक सोने की मूर्ति में बदल गई। वह तबाह हो गया और रोने लगा और अपनी बेटी को वापस लाने की कोशिश करने लगा। उसे अपनी मूर्खता का एहसास हुआ और उसने परी से जाकर अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी अब उसको समझ आ गय था पैसा ही सबकुछ नही होता है |
Moral : लालच हमेशा पतन की ओर ले जाता है।