समझदार मिक्की चूहा | चूहे की कहानी | एक जगह बहुत सारे चूहें मिक्की, मिनी, मिंकू, पिंकू आदि रहते थे | चूहें आपस मे प्यार से रहते थे | अपना खाना आपस में मिल बाँट कर खाते थे | कुछ दिन से एक बिल्ली उन चूहों को खाने के चक्कर मे घूम रही थी |लेकिन चूहें बहुत चालाक थे | वे हमेशा अपने साथी चूहों मे से किसी एक को पहरा देने के लिए खड़ा रखते थे ताकि जब भी बिल्ली आये तो उन सब को पता चल जाये और वे बिल मे घुसकर अपनी जान बचा सकें | इसलिए कई दिन बीत गए लेकिन बिल्ली उन में से एक भी चूहेे को नहीं खा पायी |
एक दिन मिक्की चूहें का जन्मदिन था |सारे चूहों ने मिक्की को जन्मदिन कि बधाई दी |सबने मिलकर योजना बनायीं कि मिक्की के जन्मदिन पर मिक्की को पार्टी देंगे |शाम होते ही सभी चूहें पार्टी के लिए तैयार हो गए |मिक्की ने बहुत सुन्दर कपडे पहने थे और बाकी सब ने भी सुन्दर सुन्दर कपडे पहने हुए थे |सभी चूहें मिक्की के लिए गिफ्ट लेकर आये थे सभी ने मिक्की को गिफ्ट दिए और फिर मिक्की ने केक काटा | सब मज़े से पार्टी का मज़ाे रहे थे | सब डांस करने लगे और किसी का ध्यान बिल्ली के आने ओर नहीं रहा और ना ही कोई पहरा देने के लिए खड़ा हुआ |अचानक वहां पर बिल्ली आ पहुंची |
समझदार मिक्की चूहा | चूहे की कहानी |
सभी चूहें डरकर बिल में घुस गए |बस मिक्की बाहर रह गया |मिक्की को पहले तो डर लगा लेकिन उसने सोचा कि डर कर मरने से अच्छा है बहादुरी से काम लिया जाए |वह बिल्ली से बोला,” बिल्ली मासी केक खाओगी?” बिल्ली ज़ोर से हंसती है और बोलती है, “मेरे सामने इतना स्वादिष्ट चूहा है तो मैं केक क्यों खाऊ?”बहुत दिनों बाद हाथ लगे हो आज तो मज़ा आ गया,अब मैं मज़े से तुम्हे खाउंगी | चूहा बोला,”इतनी भी क्या जल्दी है मौसी?” पहले केक तो खाओ और आज मेरा जन्मदिन है इसलिए मै आपको फूलो की माला भी पहनाऊंगा |
बिल्ली की कहानी |Hindi story for kids | पढने के लिए क्लिक करें
बिल्ली बोली, चलो ठीक है |वैसे भी अब तो मै तुम्हे खा जाउंगी तो तुम्हारी आखिरी इच्छा भी पूरी कर देती हूँ | यह कहकर बिल्ली एक पंजा मारती है और केक उठा कर खा जाती है |मिक्की ने कहा अब मै आपके गले में फूलो कि माला पहनाऊंगा |यह कहकर मिक्की ने सूझबूझ दिखाकर फूलो कि माला मै एक घंटी भी बांध दी जो उसे मिंकू ने गिफ्ट में दी थी | वो घंटी वाली फूलो कि माला मिक्की ने बिल्ली के गले में पहना दी | बिल्ली ने जैसे ही माला पहनने के लिए अपना सर झुकाया, मिक्की ने झट से माला पहनाई और तेज़ी से दौड़कर बिल में घुस गया |
(चूहे ने केसे अपनी और सबकी जान बचायी )
बाकी चूहों ने जब मिक्की से पूछा की उसने बिल्ली से अपनी जान कैसे बचायी तब उसने बताया कि कैसे उसने अपनी सूझ बूझ से ना केवल अपनी जान बचायी बल्कि आगे के लिए भी बिल्ली से बचने का इंतज़ाम कर दिया |दरअसल मिक्की ने बिल्ली के गले में घंटी इसलिए बंदी थी ताकि जब भी वह उनके आस पास आये तो चूहें सावधान हो सके | अब किसी को बिल्ली से बचने के लिए पहरा देने कि भी ज़रूरत नहीं थी | मिक्की की समझदारी के लिए सभी चूहों ने उसके लिए ताली बजायी और उसकी बुद्धि की खूब तारीफ की | अब चूहों को बिल्ली से कोई डर नहीं था जब भी बिल्ली उनको पकड़ने के लिए आती, चूहें घंटी कि आवाज़ सुनकर चोकन्ने हो जाते |अब वे सब मज़े से रहते थे |
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